राजस्थान लोकसभा चुनाव लड़ने की दमदार घोषणा करने वाले रविंद्रसिंह भाटी की सिंह गर्जना का भाजपा और कांग्रेस में भय व्याप्त है। दोनों दलों के उच्च स्तरीय नेताओं में जयपुर और दिल्ली के दिलों में भय और भाल पर चिंता की लकीरें खिंच चुकी है। अबकी बार 400 के पार का नारा भाटी के सिघनाद से हिचकोले खाने लगा है। आखिर क्यों डर रहे हैं भाजपा सम्राट? शिव विधानसभा का रण कौशल ऐसा रहा है कि उसे कोई समझ नहीं पाया है और उसी युद्ध कौशल से भाटी चुनौती देते हुए बाड़मेर जेसलमेर का युद्ध जीत जाएंगे। राजस्थान की 25 सीटों में से चुनाव से पहले ही एक सीट बाड़मेर जेसलमेर भाजपा के अधिकार से निकलती हुई चर्चा में है। भाजपा की एक कोर खंडित होने का स्पष्ट खतरा। इस युद्ध के लिए राजस्थान और राजस्थान के बाहर अन्य प्रदेशों के राजपूतों में जबरदस्त जोश है। युद्ध जीतने से पहले का उत्साह भरा है।
हर ओर भाटी की चर्चा है। महाराणा प्रताप मेमोरियल ट्रस्ट अयोध्या, अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा, श्री राजपूत सभा, क्षत्रिय युवक संघ व सभी राजपूत संगठन, राजपूत कोर कमेटी सदस्य व अखंड राजपुताना सेवा संस्थान दिल्ली परिवार और अनेक क्षत्रिय संस्थाएं उनके पदाधिकारी भाटी के साथ खड़े हैं।