टीचरों के ट्रांसफर को लेकर प्रदेश में पूर्व सरकार के समय से मांग उठती रही है। कानून मंत्री जोगाराम पटेल ने इस पर विराम देते हुए कहा कि सरकार मई-अप्रैल में ट्रांसफर से बैन हटा सकती है। सरकारी कर्मचारी भी हमारे अपने हैं। श्री पटेल ने जोधपुर में कहा कि पूर्व में कांग्रेस सरकार के मुखिया ने अपने प्रदेश अध्यक्ष को लेकर नाकारा-निकम्मा जैसे शब्द काम में लिए। इतना ही नहीं उन्होंने शिक्षा मंत्री की मौजूदगी में आम शिक्षकों से पूछा कि क्या आप ट्रांसफर के लिए रिश्वत के पैसे देते हैं? इसका जवाब कांग्रेस को देना चाहिए। हमारी सरकार में किसी ने ट्रांसफर पर कोई आरोप नहीं लगाया है।
संचार माध्यमों के प्रतिनिधियों से बातचीत के दौरान कानून मंत्री ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने अंग्रेजी मीडियम स्कूल खोले, लेकिन शिक्षकों की भर्ती नहीं की। जबकि प्रारंभिक स्तर से ही अंग्रेजी माध्यम के स्कूल को खोलना चाहिए था। लेकिन, कांग्रेस ने सिर्फ चुनाव के समय वाहवाही लूटने के लिए ही इन्हें शुरू किया। उन्होने कहा इतना ही नहीं पहले से ही चल रहे हिंदी मीडियम के स्कूलों पर अंग्रेजी मीडियम के बोर्ड लगा दिए गए। इसको लेकर जब हमने जांच करवाई तो 287 विद्यालय प्रदेश में ऐसे पाए गए जिनमें जीरो नामांकन था या 10 से कम नामांकन थे। क्या ऐसे विद्यालय चलने चाहिए थे, लेकिन कांग्रेस ने इस तरफ कभी ध्यान नहीं दिया। इसकी समीक्षा की जा रही है। इसको लेकर कांग्रेसी डरे हुए हैं। इसके साथ उन्होंने कहा कि कांग्रेस अंतर्कलह से भरी हुई है।
आपको बता दें कि पूर्व सरकार के राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मान समारोह 2021 में अशोक गहलोत ने शिक्षकों से कहा था कि हम सुनते हैं कि तबादले के लिए कई बार पैसे खिलाने पड़ते हैं। उन्होने कहा कि आप बताइए सही है या नहीं, मुझे नहीं मालूम। समारोह में मौजूद शिक्षकों की तरफ से आवाज आई- हां, देने पड़ते हैं। श्री पटेल ने जोधपुर में इसी घटना का किया है।