वर्दी मतलब हर किस्म का गुनाह करने की छूट। आजादी के बाद से यह खूब होता आया है और हो रहा है। वर्दी खाकी हो या खादी की, इसकी ताक़त के दम पर अनेक अपराध हुए हैं और हो रहे हैं। जैसे कि अब पुलिस थानों के क्वाटर में भी बेख़ौफ़ सामूहिक बलात्कार होने लगे हैं। इसी सप्ताह जयपुर के गांधी नगर पुलिस थाने के एक क्वाटर में एक छात्रा से सामूहिक रेप हो गया। यह जयपुर है। राजस्थान की राजधानी जयपुर, जहां से भजन लाल सरकार का चाबुक फ़िलहाल पूरे राजस्थान में चल रहा है लेकिन इस राजधानी की ही बत्ती गुल है। पीड़ित छात्रा जयपुर के गुर्जर घाटी ब्रह्मपुरी की रहने वाली है। उसका कहना है कि पवन नाम के लड़के ने जिससे उसकी दोस्ती थी ने अपने पुलिसकर्मी जीजा नीरज कुमार के क्वाटर में न केवल खुद ने रेप किया बल्कि उसके जीजा नीरज कुमार ने भी किया। फ़िलहाल पुलिस ने पवन को गिरफतार कर लिया है लेकिन नीरज कुमार पर अभी चुप है। अब क्या करेंगे सीएम साहब। क्योंकि जिस पुलिस के बूते पर वे अपराधों को खत्म करने की बात कह रहे हैं उन्ही में से कुछ पुलिसकर्मी ऐसे घिनौने अपराध कर रहे हैं जिनकी वजह से पूरा डिपार्टमेंट बदनाम हो रहा है। लेकिन यह कोई नई बात नहीं है बल्कि इससे पहले भी ऐसे कई अपराध होते रहे हैं। सन् 82 में अज़मेर के क्रिश्चनगंज थाने में काजीपुरा के की कुछ महिलाओं के साथ बहुत-कुछ हुआ। उसके दो वर्ष बाद नसीराबाद के थाने में सुन्दरी नाम की महिला से भी बहुत-कुछ हुआ। इतना कुछ कि सुन्दरी मर गई।
इस जिस्मखोरी और रिश्वतखोरी ने न केवल राजस्थान बल्कि पूरे देश के थानों को बहुत बदनाम किया है लेकिन क्या करें, ये दोनों लत ही ऐसी हैं कि जिसे एक बार लगी उसकी मरते दम तक नहीं छूटी, भले ही कुछ भी हो जाए। धरती का कोई भी क़ानून इन्हें अब तक न तो खत्म करे पाया है और न ही कर पाएगा। हाल ही यूपी के देवरिया जिले में बैतालपुर पुलिस चौकी इंचार्ज अंकित कुमार सिंह ने अपने ही विभाग में कार्यरत आजमगढ़ की महिला कांस्टेबल को अपने प्रेम जाल में फंसाकर उससे शारीरिक संबंध बनाए, उसकी न्यूड तस्वीरें उतारी, न्यूड वीडियो बनाया, दो बार गर्भपात भी कराया। लेकिन शादी की बात आने पर इन्कार कर दिया। मामला एसपी के पास पहुंचा तो अंकित को सस्पेंड कर दिया गया। कल ही यूपी के सुल्तानपुर में एक रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी अपनी ही किराएदार महिला के 9 वर्षीय बेटे से अप्राकृतिक मैथुन करते पाए गए। महिला की शिक़ायत पर उनके खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया। दो महीने पहले अलवर के रैणी थाने में तैनात पुलिसकर्मियों ने एक नाबालिग़ बच्ची से गैंग रेप कर लिया। बच्ची की मां ने थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई और बताया कि ये तीनों बच्ची के भाई को आर्म्स एक्ट के तहत गिरफ्तार करने का डर बिठा कर उससे दो वर्षों से दरिंदगी कर रहे हैं। नवम्बर 2023 में जयपुर में एक कोचिंग सेंटर में पढने वाली छात्रा को नौकरी दिलाने का लालच देकर एक पुलिस कांस्टेबल ने बलात्कार कर लिया और उसका न्यूड वीडियो भी बना लिया। बसवा, राजस्थान और एमपी से जुड़वां क्षेत्र। यहां महेश गुर्जर नाम के एक पुलिसकर्मी ने एक 30 वर्षीय महिला को गोली मार देने का डर दिखाकर बलात्कार किया लेकिन महिला के चिल्लाने पर गांव वालों ने उसे पकड़ कर पहले पीटा और फिर पुलिस के हवाले कर दिया। नवम्बर 23 में ही दौसा के राहुवास गांव में सब इंस्पेक्टर भूपेन्द्र सिंह ने एक चार वर्षीय मासूम बच्ची से रेप कर लिया।
अब आइये थोड़ा राजस्थान से बाहर चलते हैं। पिछ्ले पांच सालों में दिल्ली पुलिस में 321 पुलिसकर्मी सस्पेंड किये गए। वजह यह कि इन सब पर बलात्कार के अपराध सिद्ध हो गए थे। ऐसे ही पिछ्ले साल 63 पुलिसकर्मियों पर रेप के केस दर्ज हुए। लेकिन अफसोस कि इनमें से 60 पुलिसकर्मी अभी भी ड्यूटी पर तैनात हैं। जो लोग नियमित अखबार पढ़ते हैं उन्हें याद होगा कि मात्र 4 महीने पहले मुम्बई में 8 महिला पुलिसकर्मियों ने अपने ही वरिष्ठ अधिकारियों पर यौन शोषण का आरोप लगाया था। इन अधिकारियों ने न केवल उनका यौन शोषण किया बल्कि उनके न्यूड वीडियो भी बनाए। इन सभी पीड़िताओं ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर यह शिक़ायत की। लेकिन कोई कार्रवाई होने से पहले ही वह पत्र वायरल हो गया जिससे पूरे महाराष्ट्र पुलिस विभाग में भूचाल आ गया। इन सब महिला पुलिसकर्मियों ने यह भी कहा कि उच्चाधिकारियों ने यौन शोषण के बाद उनका गर्भपात भी कराया। कुछ अधिकारियों ने तो आफिस में ही रेप किया। ऐसे ही यूपी में एक सरकारी स्कूल टीचर से पुलिस कांस्टेबल ने न केवल रेप किया बल्कि उसका न्यूड वीडियो भी बनाए और उक्त महिला से रूपए भी ऐंठता रहा। अत्यधिक मार और रेप से तंग आकर टीचर ने थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई तब जाकर कांस्टेबल गिरफ्तार हुआ। ऐसे किस्सों की बहुत लम्बी फेहरिस्त है। लेकिन यह भारत देश है। यहां यह सब दशकों से चलता आया है और न जाने कब तक चलता रहेगा।