नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने सोमवार को कांग्रेस प्रदेश कार्यालय में प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए केंद्र की भाजपा सरकार पर मनरेगा (MNREGA) योजना को साजिश के तहत खत्म करने का कड़ा आरोप लगाया। उन्होने कहा कि योजना का नाम बदलने पर तीखा प्रहार करते हुए जूली ने कहा, “भाजपा ने योजना का नाम बदलकर ‘जी राम जी’ (G RAM G) कर दिया है। महात्मा गांधी जी के अंतिम शब्द ‘हे राम’ थे, लेकिन भाजपा इस नाम का राजनीतिक लाभ लेना चाहती है।
श्री जूली ने कहा कि जो पहले श्रमिकों का अधिकार था, राइट टू वर्क जो अब अधिकार नहीं रहा है। उन्होंने कहा कि पहले यह कानून था कि श्रमिक फॉर्म नंबर छह भरेंगे और पंद्रह दिन में रोजगार मिलेगा, यदि नहीं मिला तो अधिकारी के खाते से पैसा कटेगा और उनको बेरोजगारी भत्ता मिलेगा लेकिन आज अब वो बात नहीं रही। उन्होने मनरेगा के फंडिंग पैटर्न में बदलाव पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि इस सरकार की साजिश है मनरेगा को खत्म करने की क्योंकि राज्यों के पास इतना पैसा नहीं है कि अपना हिस्सा भी दे पाएंगे और केंद्र आधारित योजना हो जाए कि वह फंड तय करेंगे कि हमें मनरेगा में इतना पैसा देना है, वह उतना ही देंगे। उससे ऊपर का पैसा राज्यों को वहन करना पड़ेगा।
जूली ने सरकार की संवेदनहीनता पर सवाल उठाते हुए कहा कि फसल कटाई के सीजन में मनरेगा कार्य पर रोक लगाना तर्कहीन है। उन्होंने तर्क दिया कि कई पहाड़ी और बंजर इलाकों में खेती नहीं होती, ऐसे में वहां का मजदूर उन दो महीनों में अपने परिवार का पेट पालने के लिए कहाँ जाएगा? उन्होंने केंद्र सरकार की मंशा पर प्रहार करते हुए कहा कि भाजपा को इस देश के गरीब और मजदूर से आखिर दिक्कत क्या है? पहले किसानों के खिलाफ काले कानून लाए गए, फिर लेबर कोड के जरिए श्रमिकों के हक छीने गए और अब मनरेगा मजदूरों पर प्रहार किया जा रहा है।




