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Narayan Singh Circle: जयपुर के नारायण सिंह सर्किल बस स्टैंड होगा स्थानांतरित —मुख्यमंत्री

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मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि जयपुर की चार प्रमुख सड़कों अजमेर रोड़, आगरा रोड़, टोंक रोड़ और सीकर रोड़ पर यातायात दबाव कम करने के लिए इस रूट पर संचालित होने वाली बसों के लिए उसी रूट पर अतिरिक्त सैटेलाइट बस स्टैंड बनाए जाए। इससे सिंधी कैंप स्थित मुख्य बस स्टैंड पर भी बसों की संख्या कम होगी। मुख्यमंत्री ने दिल्ली व आगरा जाने वाली बसों के लिए निर्धारित नारायण सिंह सर्किल बस स्टैंड को अन्यत्र जगह स्थानांतरित कर पीक आवर्स में बसें वहीं से संचालित करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि परकोटा क्षेत्र में यातायात का दबाव कम करने के लिए आमजन को रामनिवास बाग स्थित पार्किंग में सस्ती दरों पर पार्किंग सुविधा उपलब्ध करवायी जाए और परकोटे में आवागमन के लिए मिनी बसें व इलेक्ट्रिक गाड़ियां संचालित किए जाए। श्री शर्मा ने कहा कि जयपुर में अलग-अलग जोन निर्धारित कर ई-रिक्शा का संचालन किया जाए और हर एक जोन के लिए ई-रिक्शा का अलग रंग तय कर दिया जाए ताकि हर रिक्शा एक क्षेत्र विशेष में चले। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि शहर के व्यापारिक संगठनों के साथ बैठक कर बाजारों को बंद रखने और रात्रिकालीन बाजार के लिए के लिए अलग-अलग दिन तय किए जाए। श्री शर्मा ने सुझाव दिया कि सरकारी कार्यालयों में काम करने वालों और स्कूल कॉलेजों के विद्यार्थियों के लिए विशेष बस व्यवस्था संचालित की जाए जिससे उन्हें कार्यालय या अध्ययन स्थल तक आने-जाने के लिए आरामदायक सार्वजनिक परिवहन उपलब्ध हो सके।

Public Transportation: जयपुर में सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था होगी सुदृढ़ —मुख्यमंत्री

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मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि आमजन को परिवहन के सुगम साधन उपलब्ध करवाने और निर्बाध यातायात व्यवस्था के लिए राज्य सरकार कार्य कर रही है। इसके लिए आवश्यक सुविधाओं और मानव संसाधन की किसी भी प्रकार की कमी नहीं आने दी जाएगी। उन्होंने कहा कि समय के साथ शहरों की बढ़ती जनसंख्या और विस्तार को ध्यान में रखते हुए यातायात एवं परिवहन व्यवस्था के लिए दूरगामी सोच के साथ कार्ययोजना आवश्यक है। इसके लिए संबंधित विभाग आपसी समन्वय बनाकर विस्तृत रिपोर्ट तैयार करें। मुख्यमंत्री शुक्रवार को मुख्यमंत्री आवास पर जयपुर शहर में सुगम यातायात प्रबंधन को लेकर आयोजित कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रदेश की राजधानी और प्रमुख शहर होने के कारण जयपुर में यातायात दबाव अन्य शहरों की तुलना में अधिक है। यहां की यातायात समस्या का स्थाई समाधान निकालने के लिए चरणबद्ध रूप से प्लानिंग बनाकर कार्य करना आवश्यक है। व्यवस्ता बाधित होने की समस्या के सटीक और स्थाई समाधान के लिए आवश्यक है कि सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था सुदृढ़ हो। आमजन को एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाने के लिए त्वरित और सुगम परिवहन संसाधन उपलब्ध हो, जिससे वे निजी वाहनों की बजाए सार्वजनिक परिवहन से सफर करने को प्राथमिकता दें। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सिटी ट्रांसपोर्ट सिस्टम में नई सीएनजी एवं इलेक्ट्रिक बसों को जल्द से जल्द शामिल किया जाए ताकि लोगों को सुचारू एवं प्रदुषण मुक्त परिवहन सेवा उपलब्ध हो सके। वहीं मुख्यमंत्री ने कहा कि शहर में यातायात व्यवस्था के सुचारू संचालन के लिए यातायात पुलिसकर्मियों की संख्या बढ़ाई जाए। तब तक वैकल्पिक व्यवस्था के रूप में होमगार्ड और आरएसी बटालियन के जवानों को यातायात संचालन के लिए लगाया जाए। उन्होंने कहा कि शहर के प्रमुख चौराहों और स्थलों पर सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ायी जाकर यातायात नियमों को उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। श्री शर्मा ने कहा कि शहर के प्रमुख मॉल्स, अस्पतालों आदि के बाहर गलत ढंग से वाहनों की पार्किंग से यातायात व्यवस्था बाधित होती है। अतः लोगों को निर्धारित पार्किंग स्थल में ही वाहन खड़ा करने के लिए पाबंद किया जाए।

C M NEWS: विकसित राजस्थान लक्ष्य के लिए समर्पण भाव से काम करें कार्मिक —मुख्यमंत्री

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मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि कर्मचारी हमारे राज्य की महत्वपूर्ण कड़ी है तथा सरकार और कर्मचारी का संबंध प्रगाढ़ होता है। हमारी प्राथमिकता है कि कर्मचारियों को किसी भी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पड़े। उन्होंने कहा कि विकसित और खुशहाल राजस्थान के लक्ष्य के लिए कार्मिक समर्पण एवं सेवाभाव के साथ काम करें और आगामी बजट 2025-26 में कर्मचारी संगठनों से प्राप्त सुझावों को परीक्षण कर यथासंभव शामिल किया जाएगा। श्री शर्मा गुरुवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में कर्मचारी संघों के साथ बजट पूर्व संवाद को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि राज्य की 8 करोड़ जनता की आशा और आंकाक्षाओं को पूरा करने में कर्मचारियों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। उन्होंने कहा कि गत एक वर्ष में राज्य सरकार ने राज्य में बिजली-पानी की प्राथमिकता को समझते हुए अनेक निर्णय लिए हैं। ईआरसीपी, यमुना जल समझौता, देवास परियोजना सहित विभिन्न परियोजनाओं से जहां राज्य में जल की आपूर्ति बढ़ी हैं, वहीं किसानों को 2027 तक दिन में बिजली देने के लक्ष्य को लेकर राइजिंग राजस्थान में ऊर्जा के क्षेत्र में सर्वाधिक एमओयू किए गए हैं। राज्य सरकार प्रदेश को उत्कृष्ट और विकसित राजस्थान बनाने के संकल्प के साथ काम कर रही है।

मुख्यमंत्री के फैसलों से कर्मचारी संतुष्ट, जताया आभार

बैठक में कर्मचारियों ने एक सुर में मुख्यमंत्री का बड़ी संख्या में सरकारी नौकरी की घोषणाओं, जमीन पर उनका शीघ्र क्रियान्वयन तथा कर्मचारियों के हितों में लिए जा रहे निर्णयों के लिए आभार व्यक्त किया। कर्मचारी संगठनों ने कहा कि कर्मचारियों के लिए मुख्यमंत्री की नीयत और नीति अच्छी है। आज कर्मचारी बहुत खुश है तथा मुख्यमंत्री द्वारा लिए जा रहे निर्णयों से उनमें संतोष का भाव है। उन्होंने कहा कि ऐसा पहली बार हुआ है कि किसी भी मुख्यमंत्री ने कर्मचारियों की समस्याओं को जानने के लिए आमंत्रित कर निरन्तर संवाद किया है। मुख्यमंत्री ने आश्वस्त किया कि मंत्री एवं विभागीय स्तर पर भी कर्मचारियों की समस्याओं का समाधान सुनिश्चित किया जाएगा। इस दौरान कर्मचारियों द्वारा वेतन विसंगति, ग्रेड-पे, पदोन्नति अवसरों का पर्याप्त सृजन, संविदाकर्मियों का नियमितीकरण, दिव्यांगों को आरक्षण, कर्मचारियों के लिए प्रोटेक्शन एक्ट सहित विभिन्न विषयों पर अपनी राय रखी। बैठक में पंचायती राज, शिक्षा, मेडिकल, सचिवालय सेवा, मंत्रालयिक सेवा, कार्मिक, आंगनबाड़ी, जलदाय विभाग, पटवारी सेवा, सूचना एवं प्रौद्योगिकी, कृषि सहित विभिन्न विभागों के कर्मचारी संघों के प्रतिनिधियों ने अपने सुझाव दिए।

Mahakumbh News: प्रयागराज में उपलब्ध हैं निःशुल्क आवास, भोजन और चिकित्सा सुविधाएं —मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के निर्देश पर महाकुंभ मेले में राजस्थान से जाने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए तीर्थराज प्रयागराज में राजस्थान मंडप तैयार करवाकर निःशुल्क आवास, भोजन और चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध करवाई जा रही हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि भारतीय संस्कृति में कुंभ का विशेष महत्व है। कुंभ को सभी सिद्धियां प्रदान करने वाला बताया गया है। महाकुंभ मेला प्रयागराज में 26 फरवरी तक चलेगा। इस मेले में मौनी अमावस्या, बसंत पंचमी, माघ पूर्णिमा और महाशिवरात्रि के शाही स्नान सहित मेले में भाग लेने वाले राजस्थान के श्रद्धालु बिना किसी परेशानी के पुण्यलाभ प्राप्त कर सकें, इसके लिए राज्य सरकार के स्तर पर व्यापक व्यवस्थाएं सुनिश्चित की गई हैं। उन्होंने श्रद्धालुओं से अपील की कि इन व्यवस्थाओं का लाभ लेते हुए महाकुंभ के त्रिवेणी संगम में पवित्र स्नान, दर्शन एवं पूजन कर अलौकिक अनुभूति का आनन्द प्राप्त करें। राजस्थान मंडप में श्रद्धालुओं के लिए डबल बैड अटैच लेटबाथ युक्त 49 टेन्ट और 30 बैड डोरमेट्री में निःशुल्क आवास की सुविधा उपलब्ध करवाई गई है। इसके अतिरिक्त श्रद्धालुओं के लिए निःशुल्क भोजन, चिकित्सा आदि की व्यवस्थाओं के साथ आगन्तुकों की मदद के लिए हेल्पडेस्क, कंट्रोल रूम की स्थापना भी की गई है। महाकुंभ मेले में भाग लेने वाले राजस्थान के नागरिक राजस्थान मंडप, प्लॉट नं. 97, सेक्टर 7, कैलाशपुरी मार्ग, प्रयागराज में इन सुविधाओं का लाभ ले सकते हैं। प्रयागराज में किसी भी प्रकार की सहायता और जानकारी के लिए कंट्रोल रूम (9929860529, 9887812885) अथवा देवस्थान विभाग के राज्य नियंत्रण कक्ष (0294-2426130) पर संपर्क किया जा सकता है।

Agriculture News: एग्रीस्टैक से कृषि में होगी डिजिटल क्रांति की शुरूआत —मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि एग्रीस्टैक किसान केन्द्रित समाधान उपलब्ध करवाने की दिशा में महत्वाकांक्षी पहल है, इससे कृषि क्षेत्र में डिजिटल क्रांति की शुरूआत होगी। इसके अन्तर्गत किसानों की जानकारी का व्यापक डेटाबेस तैयार करते हुए प्रत्येक किसान को विशिष्ट फार्मर आईडी प्रदान की जाएगी। इससे किसानों को केन्द्र और राज्य सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाने में सुगमता एवं पारदर्शिता आएगी। श्री शर्मा एग्रीस्टैक योजना और फार्मर रजिस्ट्री रोल-आउट को लेकर गुरूवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रदेश में एग्रीस्टैक परियोजना को लेकर मिशन मोड़ पर कार्य किया जाए एवं इससे जुड़ने के लिए किसानों को प्रोत्साहित किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार की पहली वर्षगांठ पर दिसम्बर में सीकर जिले से इस मिशन को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लागू किया। आगामी फरवरी माह से इसे प्रदेशभर में शुरू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इसके तहत चरणबद्ध रूप से ग्राम पंचायत स्तर पर फार्मर रजिस्ट्री के लिए कैम्प लगाए जाएंगे। मुख्यमंत्री ने इन कैम्पों को लेकर तैयारी पूरी करने तथा तथा उपखंड स्तर पर पर्यवेक्षण एवं जिला स्तर पर मॉनिटरिंग की व्यवस्था करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि कैम्पों में आमजन को किसी तरह की परेशानी नहीं हो। साथ ही, इन कैम्पों में अन्य विभागों की संबंधित सेवाओं को भी शामिल किया जाए। श्री शर्मा ने कहा कि इस मिशन में किसान अहम कड़ी हैं। उनको इस मिशन के प्रति ज्यादा से ज्यादा जागरूक किया जाए, जिससे वे इससे जुड़ें और कोई भी अन्नदाता सरकार की किसान कल्याणकारी योजनाओं के लाभ से वंचित नहीं रहे। इसलिए किसान हित में की गई इस महत्वपूर्ण पहल का व्यापक स्तर पर सोशल मीडिया आदि पर प्रचार-प्रसार भी किया जाए। उल्लेखनीय है कि एग्रीस्टैक कृषि से संबंधित डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढाँचा उपलब्ध कराने की केन्द्र सरकार की परियोजना है। इसके अंतर्गत डिजिटल रूप में क्रॉप सर्वे, फार्मर रजिस्ट्री एवं भू-संदर्भित नक्शे का डेटाबेस निर्माण कर प्रत्येक किसान को विशिष्ट आईडी प्रदान की जाएगी। इसके अंतर्गत राष्ट्रीय स्तर पर डेटा तैयार करने से लेकर पीएम किसान सम्मान निधि में ऑटोमेशन, किसान क्रेडिट कार्ड योजना सहित अन्य कल्याणकारी योजनाओं एवं सेवाओं तक किसानों की पहुंच आसान हो सकेगी।

C M NEWS: बारिश आना जल संचय कार्यों के शुभारंभ के लिए शुभ संकेत —मुख्यमंत्री

केन्द्रीय जलशक्ति मंत्री सी. आर. पाटिल ने कहा है कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में राज्य सरकार ने प्रदेश को जल आत्मनिर्भर बनाने के लिए महत्वपूर्ण प्रयास किए हैं। आमजन भी जल की एक-एक बूंद के महत्व को समझते हुए जल संचय में जुड़े, इस उद्देश्य से शुरू किया गया ‘कर्मभूमि से मातृभूमि’ अभियान अब एक जन आंदोलन का रूप लेता जा रहा है। उन्होने कहा कि राजस्थान के लोगों से अधिक पानी के महत्व को कोई नहीं समझ सकता है। मुख्यमंत्री की पहल पर राजस्थान के उद्यमी और भामाशाहों को इस अभियान में जोड़ने के लिए सराहनीय कार्य किया जा रहा है। श्री पाटिल ने यह बात बुधवार को राजकीय महाविद्यालय, सांगानेर में सांगानेर विधानसभा क्षेत्र के वर्षा जल संचयन के कार्यों के भूमि पूजन के दौरान कहा। भूमि पूजन के दौरान अपने संबोधन में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि जल संचय के कार्यों के शुभारंभ के लिए बारिश आने से बेहतर और कोई शुभ संकेत नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि जल संसाधनों की सीमितता को देखते हुए वर्षा जल को व्यर्थ बहने से रोकना और संरक्षित करना आवश्यक है। इसी दिशा में ‘कर्मभूमि से मातृभूमि अभियान’ संचालित किया जा रहा है, जन सहभागिता से जल संचयन के कार्यों को सशक्त बनाने के इस अभियान में प्रवासी राजस्थानियों का भी अहम सहयोग प्राप्त हो रहा है। श्री शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार और जन भागीदारी के साझा प्रयासों से सांगानेर जल संरक्षण और संवर्धन के लिए एक आदर्श बनेगा। वहीं प्रदेश के हर कोने में जल संचयन के कार्यों को गति दी जाएगी। उन्होंने कहा कि प्रत्येक नागरिक, गांव, पंचायत, कस्बा और शहर इस अभियान का हिस्सा बने और जल संरक्षण के इस पुनीत कार्य में योगदान दें।

Urban development: जेडीए नगरीय विकास विभाग का एक महत्वपूर्ण हिस्सा —वैभव गालरिया

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नगरीय विकास एवं आवासन विभाग के प्रमुख शासन सचिव वैभव गालरिया ने बुधवार को भूमि अधिग्रहण व अन्य महत्वपूर्ण विकास कार्यों की समीक्षा की। इस दैरान उन्होने उच्च अधिकारियों को निर्देश दिये कि वे लैंड बैंक का विस्तार और भूमि अधिग्रहण के मामलो में त्वरित कार्यवाही कर आमजन को अधिकाधिक लाभ पहुँचाए। राजस्थान आवासन मण्डल की इंदिरा गाँधी नगर विस्तार योजना की नामांकन प्रक्रिया और ज़मीन के बदले ज़मीन के प्रकरणों में त्वरित कार्यवाही के निर्देश भी दिए। श्री गालरिया ने जेडीए को यातायात व्यवस्था को सुगम और बेहतर बनाने के लिये कहा। उन्होने बताया कि जेडीए नगरीय विकास विभाग का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, अधिकारी शहर के अत्यधिक यातायात वाले इलाक़ों को चिन्हित कर वहाँ यातायात को सुगम बनाने के लिए प्लान तैयार करें। ।

Shilaanyaas: जामडोली में हुआ सीआरसी भवन का शिलान्यास

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केन्द्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डाॅ. वीरेन्द्र कुमार ने कहा कि केन्द्र व राज्य सरकार समाज के सभी वर्गों के सामाजिक-आर्थिक सशक्तिकरण के लिए काम कर रही है। सबका साथ सबका विकास सबका विश्वास के साथ देश को आत्मनिर्भर बनाने में सभी का सामूहिक प्रयास आवश्यक है। डाॅ. कुमार बुधवार को जामडोली स्थित केन्द्र सरकार के समेकित क्षेत्रीय केंद्र (सीआरसी) के भवन के शिलान्यास कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने राज्य सरकार को सामाजिक न्याय संकुल में समेकित क्षेत्रीय केंद्र की स्थापना के लिए ढाई एकड़ भूमि आवंटित किये जाने के लिए धन्यवाद दिया। उन्होने नये सीआरसी की स्थापना पर आमजन को बधाई देते हुए यह विश्वास व्यक्त किया कि इस केंद्र के माध्यम से राजस्थान के दिव्यांगजनों और अन्य जरूरतमंद लाभार्थियों की पुनर्वास आवश्यकताओं की पूर्ति तो होगी ही, साथ ही भविष्य में पुनर्वास क्षेत्र में शैक्षिक पाठ्यक्रम संचालित करके नये पुनर्वास पेशेवरों की फसल भी तैयार की जाएगी। केन्द्रीय मंत्री ने राज्य सरकार से अतिरिक्त ढाई एकड़ भूमि देने का अनुरोध किया। गौरतलब है कि समेकित क्षेत्रीय केंद्र जामडोली का प्रशासनिक नियंत्रण पंडित दीनदयाल उपाध्याय राष्ट्रीय शारीरिक दिव्यांगजन संस्थान के पास है और इसकी स्थापना से जयपुर और आस पास के क्षेत्रों के दिव्यांगजनों को काफी लाभ होगा। कार्यक्रम में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री अविनाश गहलोत ने कहा कि केंद्र सरकार की सभी लाभकारी योजनाओं में राज्य सरकार की ओर से भरपूर सहयोग दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जामडोली में दिव्यांगों के शारीरिक, मानसिक व बौद्धिक विकास के लिए कंपोजिट रीजनल सेंटर की स्थापना सुखद है। उन्होंने कहा कि सीआरसी की स्थापना के तहत दिव्यांगजनों के लिए सभी सुविधाओं का ध्यान में रखा गया है। यहां दिव्यांग व्यक्तियों को एक ही स्थान पर पुनर्वास सेवाएं दी जाएगी। सीआरसी सेन्टर दिव्यांगजनों को समाज की मुख्य धारा से जोड़ने का एक प्रयास है।

Rajasthan Legislative: 12 करोड़ 60 लाख से राजस्थान विधान सभा हुआ डिजिटल

राजस्थान विधान सभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने कहा है कि इस सूचना और तकनीकी युग में डिजिटल पद्धति से कार्य किया जाना समय की आवश्यकता है। राजस्थान विधान सभा भी इस क्षेत्र में निरंतर आगे बढे, इसके लिये वन नेशन-वन एप्लीकेशन के तहत विधान सभा में यह प्रयास किया जा रहा है। राजस्थान विधान सभा का सदन सूचना तकनीक के साथ नये कलेवर में तैयार हो गया है। सदन में 200 विधायकों की सीटों पर आईपेड लगाये गये हैं। इन आईपेड के माध्यम से विधायकगण सदन में ऑनलाईन पद्धति से विधान कार्यों का सम्पादन करेंगे। श्री देवनानी ने बताया कि सदन में विधायकगण की प्रत्येक सीट पर एक आई-पैड लगाया गया है। एक लैपटोप मय प्रिन्टर विधायकगण को उनके आवास के लिए भी उपलब्ध कराया जायेगा। इस परियोजना में 12.61 करोड़ रूपये की राशि व्यय हुई है। इस राशि में भी 60 प्रतिशत केन्द्र सरकार और 40 प्रतिशत भागीदारी राज्य सरकार की है। विधानसभा अध्यक्ष ने बताया कि विधान सभा में विधायकगणों को ऑनलाईन कार्य करने में आने वाली बाधाओं को दूर करने के लिये सात दिवस का व्यावहारिक प्रशिक्षण कार्यक्रम भी संचालित किया जा रहा है। इसके तहत विधान सभा समितियों की बैठकों में ही विधायकगण को आईपेड पर व्यवहारिक प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है। विधायकगण के लिये यह प्रशिक्षण निरंतर जारी रहेंगे ताकि यह कार्य पद्धति उनके स्वभाव में आ सके और विधान सभा की कार्यवाही पेपरलैस हो सके। वहीं सदन में आयोजित समारोह में लगभग एक सौ दस विधायकगण ने बुधवार को आइपेड के माध्यम से सदन से संबंधित कार्यों को करने का एक दिवसीय प्रशिक्षण लिया। लोक सभा सचिवालय से आये नेता और एनआईसी के अधिकारियों ने तकनीकी प्रशिक्षण दिया। विधायकगण को विधान संबंधी कार्य सम्पादित करने के लिये आईपेड पर दिये गये भौतिक प्रशिक्षण कार्यक्रम को संबोधित करते हुये विधान सभा अध्यक्ष ने कहा कि अब विधायकगण ऑफलाइन के साथ-साथ नेशनल ई-विधान एप्लिकेशन के माध्यम से ऑनलाइन पद्धति से भी कार्य सम्पादित कर सकेगे। उन्होने कहा कि वन नेशन- वन एप्लीकेशन नेवा के तहत राजस्थान विधान सभा के सदन में भी लोक सभा व राज्य सभा की तर्ज पर विधान संबंधी कार्य होंगे।

Registration and seal: पंजीयन और मुद्रांक विभाग के जागरूकता ई-पोस्टर का हुआ विमोचन

जयुपर कलेक्ट्रेट में स्थित मॉडल उप पंजीयक कार्यालय में रजिस्ट्री एवं अन्य प्रयोजनों के लिए ई-स्टाम्प खरीदने वाले नागरिकों में व्यापक जागरूकता लाने के लिए पंजीयन और मुद्रांक विभाग ने ‘अपने ई-स्टाम्प सर्टिफिकेट को जाने’ नवाचार शुरू किया है। इसका शुभारंभ बुधवार को इलेक्ट्रिक क्लिप ऑन बोर्ड पोस्टर के माध्यम से डीआईजी स्टाम्प डॉ गोरधन लाल शर्मा ने किया। आम जनता के बीच ई-स्टाम्प और इसमें मौजूद सुरक्षा मानकों की जानकारी व्यापक रूप से बनी रहे, इसकी जानकारी इस इलेक्ट्रिक क्लिप बोर्ड के माध्यम से डीआईजी शर्मा द्वारा दी गई। डीआईजी ने संपत्तियों के पंजीकरण के लिए आने वाले आम जनता को ई-स्टाम्पिंग मोबाइल ऐप के माध्यम से ई-स्टाम्प पेपर में मौजूद 2डी बार कोड को स्कैन कर ई-स्टांप की प्रमाणिकता की जांच करने के साथ ही, बदलते डिजिटल युग में आम आदमी द्वारा ई-स्टाम्प खरीदते समय उसमें मौजूद सभी सुरक्षा मानकों की जांच करने का सुझाव दिया। इस जन जागरूकता अभियान में आम लोगों, पंजीयन स्टाफ, अधिवक्ताओं और डीड राइटर्स को संबोधित करते हुए पंजीयन एवं मुद्रांक विभाग के डीआईजी ने ई-स्टाम्प के विभिन्न सुरक्षा मानकों जैसे माइक्रो प्रिंट, तीन स्थानों पर वॉटरमार्क में स्टाम्प ड्यूटी, टेक्स्ट थ्रेड में भुगतान की गई स्टाम्प ड्यूटी, टेक्स्ट थ्रेड में दिनांक समय, टू डी बार कोड, असममित क्रम में प्रमाणपत्र संख्या और टेक्स्ट रिबन में एसएचसीआईएल के बारे में जानकारी दी।