जहां गौ की पूजा होती है, वहां समृद्धि और संस्कार का वास होता है – मुख्यमंत्री

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मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि भारतीय संस्कृति में गौवंश का अत्यधिक महत्व है। प्राचीन समय से ही हमारी समृद्धि का आधार गौवंश रहा है। हमारे घरों में प्रथम रोटी गाय के लिए बनाने, खेतों में बुवाई से पूर्व बैलों की पूजा करने और विवाह समारोह गोधूली वेला में किए जाने की परम्परा रही है। उन्होंने कहा कि जहां गौ की पूजा होती है, वहां समृद्धि और संस्कार का वास होता है। गौ महाकुंभ जैसे आयोजन हमें गौ वंश के संरक्षण और गोपालकों व किसानों को सशक्त बनाने का संदेश देते हैं। हम सब को हमारे जन्मदिवस, वैवाहिक वर्षगांठ जैसे मांगलिक अवसरों पर गौशाला जाकर गाय की सेवा का संकल्प लेना चाहिए।
मुख्यमंत्री शनिवार को जयपुर के विद्याधर नगर स्टेडियम में श्री देवराहा बाबा गौ सेवा परिवार द्वारा आयोजित गौ आधारित वैश्विक शिखर सम्मेलन ‘गौ-महाकुंभ’ को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने गौवंश, गोपालक और किसानों के कल्याण के लिए अभूतपूर्व कदम उठाए हैं। गौ संरक्षण और संवर्धन योजनाओं के लिए 2 हजार 791 करोड़ रुपये की अनुदान राशि दी गई है। प्रत्येक पंजीकृत गौशाला को प्रति गाय 50 रुपये प्रतिदिन और छोटे बछड़ों के लिए 25 रुपये प्रतिदिन की सहायता दी जा रही है। श्री शर्मा ने कहा कि प्रदेश की 100 गौशालाओं को गौ काष्ठ मशीनें विशेष रियायती दर पर उपलब्ध कराई गई हैं और अब तक 341 गौशालाओं में आधारभूत सुविधाओं का निर्माण कराया गया है। उन्होंने कहा कि नंदीशाला सहभागिता योजना के तहत पंचायत स्तर पर आधारभूत संपत्तियों के निर्माण के लिए 62 करोड़ रुपये से अधिक की राशि आवंटित की गई है। यह सब हमारी प्रतिबद्धता का प्रमाण है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा सपना है कि राजस्थान केवल एक कृषि प्रधान राज्य बनकर न रहे, बल्कि आने वाले समय में यह पूरे भारत का सबसे बड़ा डेयरी हब बने। इसी दिशा में हम दुग्ध उत्पादकों को संबल देने के लिए दूध पर प्रति लीटर 5 रूपये का अनुदान दे रहे हैं और औसतन 864 रुपये प्रति किलो फैट का मूल्य सुनिश्चित किया गया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा मुख्यमंत्री दुग्ध उत्पादक प्रोत्साहन योजना के तहत 500 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। योजना के तहत 468 करोड़ रुपये डीबीटी के माध्यम से हस्तांतरित किए जा चुके हैं। उन्होने आह्वान किया कि हर व्यक्ति अपने स्तर पर गौ सेवा में सहयोग करे ताकि कोई भी गाय भूखी न रहे और कोई भी गौशाला संसाधनों की कमी से नहीं जूझे।

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