राज्य सरकार द्वारा अतिवृष्टि प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्य व्यापक स्तर पर जारी हैं। इसी क्रम में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने विधायकों को अतिवृष्टि से उत्पन्न समस्याओं से आमजन को राहत देने के लिए 5, 6 और 7 सितम्बर (तीन दिन) अपने-अपने विधानसभा क्षेत्रों के सघन निरीक्षण के विशेष निर्देश दिए। साथ ही, प्रभारी मंत्री व सचिव को भी अपने क्षेत्रों में दो दिन तक दौरा कर आमजन की समस्याओं का निस्तारण करने के लिए निर्देशित किया। श्री शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेशवासियों के साथ हर परिस्थिति में कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है। श्री शर्मा गुरूवार को प्रदेश में भारी बारिश से उत्पन्न स्थिति पर विधानसभा में विधायकगणों के साथ चर्चा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि इस वर्ष 1 जून से 1 सितम्बर तक औसत बारिश से 56 प्रतिशत से अधिक बारिश हुई है। ऐसे में सभी विधायक अतिवृष्टि प्रभावित क्षेत्रों में जाएं और जिला प्रशासन के साथ समन्वय कर राहत-बचाव कार्यों को और अधिक गति प्रदान करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार तात्कालिक राहत के साथ-साथ बारिश और बाढ़ से प्रतिवर्ष होने वाली समस्याओं के स्थायी समाधान के लिए भी प्रतिबद्ध है। इसके लिए हम दीर्घकालिक योजनाएं बनाएंगे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार आमजन की परेशानियों को प्रभावी रूप से दूर कर रही है।
प्रभारी मंत्री और विधायकगण क्षेत्र में अधिकारियों से लें नियमित फीडबैक-
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रभारी मंत्री और विधायकगण अपने-अपने क्षेत्र में अधिकारियों और प्रशासन से नियमित रूप से फीडबैक लें। उन्होंने विधायकों को अपने क्षेत्र में जिला कलक्टर और उच्च अधिकारियों के साथ नियमित बैठक करने के निर्देश दिए। श्री शर्मा ने विधायकगणों को प्रभावित क्षेत्रों में पहुंचकर लोगों का मनोबल बढ़ाने, निचले इलाकों से लोगों को समय पर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने, भोजन पैकेट, पीने का पानी, दवाइयों एवं कपड़ो के वितरण की सतत निगरानी के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि अतिवृष्टि प्रभावित क्षेत्र में महिलाओं, बच्चों, बुजुर्गों एवं दिव्यांगजनों के लिए सुरक्षित अस्थायी आश्रय की व्यवस्था करवाएं। साथ ही, नियंत्रण कक्ष एवं हेल्पलाइन पर नजर रखें एवं एनडीआरएफ, एसडीआरएफ तथा स्वयंसेवकों की पर्याप्त तैनाती सुनिश्चित करें।
मीडिया और आमजन को नियमित रूप से करें जानकारी साझा-
श्री शर्मा ने कहा कि विधायक मीडिया एवं आमजन को नियमित रूप से जानकारी दें ताकि अफवाह न फैले। साथ ही, सोशल मीडिया पर भी राहत कार्यों एवं हेल्पलाइन नंबर की जानकारी साझा करें। उन्होंने राहत शिविरों एवं प्रभावित क्षेत्रों में चिकित्सा टीमों की तैनाती, पशुओं के टीकाकरण एवं पेयजल स्रोतों के क्लोरीनेशन, राहत शिविरों में साफ-सफाई एवं स्वच्छता की निगरानी, सुरक्षित पानी पीने, भोजन की स्वच्छता एवं गंदे पानी से दूर रहने के बारे में जागरूक करने के भी निर्देश दिए।