मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि दुग्ध संघ पशुपालकों के सामर्थ्य के प्रतीक के रूप में उभर रहे हैं। छोटे पशुपालकों की यह संस्थाएं, जिस बड़े पैमाने पर संगठित होेकर काम कर रही है, वह ‘सहकार ही शक्ति है’ को धरातल पर सफलता से क्रियान्वित कर रही है। इन संघों ने विकास, जनभागीदारी और आत्मनिर्भरता के नए आयाम स्थापित किए हैं। उन्होंने कहा कि महिलाओं की डेयरी क्षेत्र में सक्रियता प्रमुखता से बढ़ी है, जिससे उनका आर्थिक सशक्तीकरण हो रहा है। श्री शर्मा सोमवार को अलवर में श्वेत क्रांति द्वितीय चरण और अलवर दुग्ध संघ दिवस कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने सिलिसेढ़ क्षेत्र से नलकूप व पाइपलाइन के माध्यम से अलवर शहर की पेयजल योजना संवर्द्धन कार्य (लगभग 23.27 करोड़ रू.) का शिलान्यास और अलवर डेयरी के नवीन उत्पाद मावा और 15 किलो के पैक में टोन्ड मिल्क के दही की लाचिंग की। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज पशुपालकों और किसानों की मेहनत का उत्सव है। अलवर के गांवों ने 50 से अधिक साल पहले अलवर दुग्ध संघ के रूप में जो पौधा लगाया था, आज वह एक वटवृक्ष बन गया है। जब इस दुग्ध संघ की स्थापना हुई थी, तब यह 500 लीटर दूध का संकलन करता था, जो वर्तमान में रोजाना औसतन डेढ़ लाख लीटर हो गया है। साथ ही, यह संघ करीब 50 हजार लोगों को प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार उपलब्ध करवा रहा है।