प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि देश आज बिजली की रफ्तार से आगे बढ़ रहा है और इस रफ्तार में देश के हर हिस्से, हर राज्य को प्राथमिकता दी जा रही है। उन्होंने कहा कि देश विकसित होने के लिए तेज गति से काम कर रहा है और इसमें राजस्थान की भी बड़ी भूमिका है। प्रधानमंत्री गुरुवार को नापला (बांसवाड़ा) में माही बांसवाड़ा परमाणु ऊर्जा परियोजना के शिलान्यास समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने देशभर में 1 लाख 22 हजार करोड़ रुपये से अधिक की विभिन्न परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन किया। श्री मोदी ने राजस्थान को 42 हजार करोड़ रुपए की परमाणु ऊर्जा परियोजना सहित 1 लाख 8 हजार 468 करोड़ रुपए से अधिक की परियोजनाओं और विकास कार्यों व दो वंदे भारत एक्सप्रेस सहित तीन नई ट्रेनों की सौगात दी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि नवरात्रि में हम शक्ति के 9 स्वरूपों की पूजा करते हैं और परमाणु ऊर्जा परियोजना के शिलान्यास से बांसवाड़ा की धरती पर ऊर्जा शक्ति यानी बिजली उत्पादन में भारत के सामर्थ्य का एक नया अध्याय लिखा गया है। उन्होंने कहा कि राजस्थान, मध्यप्रदेश, आंध्रप्रदेश, कर्नाटक और महाराष्ट्र में 90 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा की बिजली परियोजनाओं का एक साथ शुरू होना ये दिखाता है कि आज सौर ऊर्जा से लेकर परमाणु ऊर्जा तक देश अपनी बिजली उत्पादन क्षमता को नई ऊंचाई तक ले जा रहा है।
भजनलाल सरकार के काम-काज की सराहना करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि राजस्थान की सरकार राज्य के विकास में पूरी ईमानदारी से जुटी है। पूर्ववर्ती सरकार के समय में राजस्थान को जो जख्म मिले, उन्हें भरने का काम हमारी सरकार कर रही है। गत सरकार में राजस्थान पेपरलीक का सेंटर बन गया था। जल जीवन मिशन भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया था। महिलाओं पर अत्याचार चरम पर था। बांसवाड़ा, डूंगरपुर, प्रतापगढ़ जैसे क्षेत्रों में अपराध और अवैध शराब का कारोबार खूब पनप रहा था, लेकिन जब यहां हमारी सरकार बनी तो तो हमने कानून व्यवस्था को मजबूत किया, योजनाओं के क्रियान्वयन में तेजी लाए। राजस्थान में बड़े-बड़े प्रोजेक्ट्स लगाए जा रहे हैं और हाइवेज, एक्सप्रेसवेज का नेटवर्क बिछाया जा रहा है।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि आज राजस्थान सौर ऊर्जा उत्पादन में देश में प्रथम स्थान पर पहुंच गया है। पीएम-कुसुम योजना के तीनों घटकों में राज्य में अभूतपूर्व कार्य हुआ है। कुसुम योजना के घटक-ए में राजस्थान देश में प्रथम स्थान पर है और राज्य के 22 जिलों में किसानों को दिन के समय बिजली मिलनी शुरू हो चुकी है। उन्होंने कहा कि जिन स्थानों पर ये विकेंद्रीकृत सौर ऊर्जा प्लांट लग रहे हैं, वहां किसानों को आउट ऑफ टर्न कनेक्शन देने का मार्ग भी प्रशस्त हो गया है। उन्होंने कहा कि पीएम-सूर्य घर योजना के तहत प्रदेश में 74 हजार से अधिक रूफटॉप सोलर संयंत्र स्थापित किए जा चुके हैं। राज्य सरकार ने प्रदेश में सरकारी भवनों पर रूफ टॉप सोलर संयंत्र लगाने का एक बड़ा कार्यक्रम भी शुरू किया है।
मुख्यमंत्री ने 1 लाख 8 हजार करोड़ रुपये की ऐतिहासिक सौगातें राजस्थान को देने के लिए प्रदेशवासियों की ओर से प्रधानमंत्री का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उनका आगमन राजस्थान के लिए शुभ और ऐतिहासिक साबित होता है। दिसंबर 2024 व मई 2025 में भी प्रधानमंत्री ने प्रदेश को 72 हजार करोड़ रुपये के विकास कार्यों का उपहार दिया था।
माही बांसवाड़ा परमाणु ऊर्जा परियोजना के बारे में :—
बांसवाड़ा जिले की छोटी सरवन तहसील के गाँव आड़ीभीत, बारी, कटुम्बी, सजवानिया और रेल में माही बांसवाड़ा परमाणु ऊर्जा परियोजना (MBRAPP) स्थापित की जा रही है। इस परियोजना की कुल क्षमता 2800 मेगावाट होगी, जिसमें 700-700 मेगावाट की 4 इकाइयां शामिल हैं। 602.72 हेक्टेयर भूमि पर संयंत्र और 57.43 हेक्टेयर भूमि पर कॉलोनी बनाई जाएगी। इस परियोजना में प्रेशराइज्ड हेवी वाटर रिएक्टर तकनीक का उपयोग होगा। संयंत्र के लिए जल स्रोत माही नदी (माही बजाज सागर बाँध के अपस्ट्रीम से) निर्धारित किया गया है। परियोजना की प्रथम इकाई का वाणिज्यिक संचालन मई 2032 से प्रस्तावित है, जबकि शेष इकाइयां प्रत्येक 6 माह के अंतराल पर चालू की जाएंगी। यह परियोजना राजस्थान की दूसरी परमाणु ऊर्जा परियोजना है।
शिलान्यास-हुई परियोजनाओं पर एक नजर :—
—42 हजार करोड़ रुपए की अनुमानित लागत से नापला में माही बांसवाड़ा परमाणु ऊर्जा संयंत्र।
—13,183 करोड़ रुपए से राजस्थान नवीकरणीय ऊर्जा जोन फेज-4 एवं फेज-5 के विभिन्न भागों से विद्युत निकासी के लिए ट्रांसमिशन लाइनें।
—बीकानेर जिले में 8500 करोड़ रू. की लागत से 590 मेगावाट का बीईएसएस क्षमता युक्त एफडीआरई अक्षय ऊर्जा परियोजना।
—348 करोड़ रुपए की लागत से भोपा एवं बैतिना (जैसलमेर), नौखडा (बीकानेर) में 220 केवी के 3 जीएसएस एवं लाइनें।
—राम जल सेतु लिंक परियोजना अंतर्गत ईसरदा से रामगढ बांध (जयपुर) तक फीडर निर्माण, ईसरदा से खुरा चैनपुरा से बंध बरेठा (भरतपुर) तक फीडर निर्माण, खुरा चैनपुरा से जयसमंद (अलवर) तक फीडर निर्माण, अजमेर जिले में मोर सागर कृत्रिम रिजर्वायर निर्माण और बीसलपुर से मोर सागर कृत्रिम रिजर्वायर तक फीडर निर्माण एवं चित्तौड़गढ़ जिले की रावतभाटा तहसील में ब्राहम्णी बैराज का निर्माण (कुल लागत 17,777 करोड़ रु.)
—691.43 करोड़ रू. की कुल लागत से बीसलपुर बांध परियोजना में इंटेक पंप हाउस, राजसमंद बांध में जल की आवक बढ़ाने के लिए खारी फीडर के जीर्णोद्धार, सोम-कमला-अम्बा-भीखा भाई सागवाडा फीडर, जिला-डूंगरपुर में फीडर नहर का कार्य एवं चित्तौड़गढ़ जिले में बागोलिया बांध फीडर निर्माण के कार्य।
—878 करोड़ रु. से अधिक की लागत से भरतपुर शहर में हीरादास और बिजलीघर चौराहों पर फ्लाईओवर निर्माण, देवली-जयपुर वाया बीसलपुर, टोडारायसिंह सड़क पर बनास नदी पर पुल निर्माण एवं 116 अटल प्रगति पथ के निर्माण कार्य।
इन परियोजनाओं का हुआ लोकार्पण-
—14,445 करोड़ रुपए की 7 सौर ऊर्जा परियोजनाएं।
—शिव (बाड़मेर) में 143 करोड़ रुपए से निर्मित 220 केवी जीएसएस।
—2365 करोड़ रू. की कुल लागत से ईसरदा बांध, धौलपुर लिफ्ट परियोजना, तकली परियोजना, बत्तीसा नाला परियोजना, बीकानेर जिले में आईजीएमएन के आरडी 507 पर एस्केप जलाशय।
—1758 करोड़ रुपए से अधिक की कुल लागत से बाड़मेर में एनएच-68 पर 21 किमी लम्बे फोर-लेन बाइपास, ब्यावर-मसूदा-गोयला राज्य राजमार्ग सं.-26ए, अजमेर जिले के अराइ-सरवाड़ राज्य राजमार्ग सं.-7 ई, डूंगरपुर जिले के संगमेश्वर में माही नदी पर हाई लेवल ब्रिज, अजमेर एवं खैरथल-तिजारा जिलों में गादौज माजरी से हरियाणा सीमा व माजरी नीमराणा राज्य राजमार्ग 111 एवं 111ए, डूंगरपुर एवं बांसवाड़ा जिलों में राज्य राजमार्ग सं.- 927ए के सुदृढ़ीकरण एवं विकास कार्यों, राजसमंद एवं उदयपुर जिलों में राज्य राजमार्ग सं.-162ई पर चारभुजा से निचली ओडन (नाथद्वारा) तक 88 किमी सड़क के कार्य।
—5884 करोड़ रुपए की कुल राशि से बांसवाड़ा, डूंगरपुर, उदयपुर जिलों में वृहद पेयजल परियोजनाओं के विभिन्न पैकेज, चम्बल-भरतपुर-धौलपुर परियोजना पैकेज 1ए के अंतर्गत विभिन्न कार्य, सवाई माधोपुर जिले की 177 ग्राम पंचायतों एवं बौंली के लिए जलापूर्ति योजना, बाड़मेर लिफ्ट परियोजना द्वितीय चरण भाग-सी में 346 गांव के लिए जलापूर्ति परियोजना, दौसा जिले के लिए ईसरदा दौसा पेयजल परियोजना पैकेज 3बी, चूरू जिले में कर्मसाना फीडर वृहद पेयजल परियोजना, अजमेर जिले में वृहद पेयजल परियोजना अरांई-सिलोरा, भीलवाड़ा जिले में सुवाणा एवं रायपुर तहसील के गांवों में जलापूर्ति के लिए रेट्रोफिटिंग कार्य, अमृत 2.0 के तहत सीकर जिले के 7 शहरों के लिए शहरी जल आपूर्ति योजनाओं के कार्य।
—128 करोड़ रुपए की लागत से भरतपुर में निर्मित 250 बेड का आरबीएम चिकित्सालय।
—140 करोड़ रुपए से जयपुर में निर्मित आईटी डवलपमेंट एंड ई-गर्वनेंस सेंटर।
—226 करोड़ रुपए की लागत से मकराना शहर में सीवरेज लाइन, सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट, सीवरेज पंपिंग स्टेशन और झुंझुनूं जिले के मंडावा में सीवरेज एवं जलप्रदाय परियोजना।