प्रदेश में स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) को फर्जी प्रमाणपत्रों से नौकरी करने वालों की लगातार सूचना मिल रही थी। मिल रही सूचना पर एसओजी ने कार्यवाही कर 24 सरकारी कर्मचारियों को पकड़ा है। एसओजी के अनुसार प्रदेश में शिक्षक, स्टेनोग्राफर, विकास अधिकारी और कनिष्ठ सहायक पदों पर नौकरी पाने के लिये 24 लोगों ने फर्जी दिव्यांग प्रमाण पत्र लगाये है। एसओजी एसपी ज्ञानचंद यादव ने संचार माध्यमों को बताया कि विभाग को सूचना मिली थी कि कई लोगों ने फर्जी दिव्यांग प्रमाण-पत्र से सरकारी नौकरी प्राप्त कर ली। मामले में संज्ञान लेते हुए एसएमएस मेडिकल कॉलेज के विभिन्न विषयों के विशेषज्ञों का बोर्ड गठित कर दिव्यांग श्रेणी के लोक सेवकों का वापस मेडिकल करवाया था। मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट के अनुसार मात्र 5 लोक सेवक ही दिव्यांग होने की पत्रता रखते है। वहीं 24 दिव्यांग लोक सेवकों को मेडिकल बोर्ड ने दिव्यांग वर्ग के लिए अनफिट माना है। उन्होंने बड़ा खुलासा करते हुए बताया कि श्रव्यबाधित 13 में से 13 लोक सेवक दिव्यांग कैटेगिरी के लिए अनफिट पाए गए। दृष्टिबाधित 8 दिव्यांगों में से केवल 2 दिव्यांग ही सही पाए गए। इसी प्रकार लोकोमोटर और अन्य प्रकार के दिव्यांगता में 8 लोक सेवकों में से 5 दिव्यांग कैटेगिरी के लिए उपयुक्त पाए गए।
मेडिकल रिपोर्ट के अनुसार महेन्द्र पाल सिंह निवासी धोटी (राजसमंद), सवाई सिंह गुर्जर निवासी हिण्डौन (करौली), हंटु गुर्जर निवासी श्यामपुरा (आमेर), मनीष कुमार कटारा निवासी दाहिना (भरतपुर), केशव उर्फ खुब्बाराम यादव निवासी सांवत (किशनगढ़ रेनवाल), कविता यादव निवासी सांवत (किशनगढ़ रेनवाल), बिकेश कुमार निवासी केलूरी (नदबई), भानुप्रताप कटारा निवासी दाहिना (रूपवास), नफीस निवासी सबलाना (कामां), रणजीत सिंह निवासी नंगला अलागरीजी (बयाना), कलुआ राम सिंह निवासी नंगला अलागरीजी (बयाना), पवन कुमार सिंह निवासी आबूरोड रिको (सिरोही),कंवर शेखावत निवासी आबूरोड शहर (सिरोही), दिनेश कुमार बिश्नोई निवासी खरड, धोरीमन्ना (बाड़मेर), लोकेश निवासी नदबई (भरतपुर), संजय निवासी नोखा (बीकानेर), दीपू निवासी सबलपुर (डीडवान-कुचमान), गेपु राम निवासी रास (पाली), प्रशांत सिंह निवासी आबूरोड शहर (सिरोही), छिन्दपाल सिंह निवासी केसरीसिंहपुर (गंगानगर), आसी कुमारी निवासी बाड़मेर ग्रामीण, डॉ शंकर लाल मीणा निवासी कोतवाली (बूंदी), जगदीश चौधरी निवासी रुपनगढ़ (अजमेर) और किशोर सिंह निवासी सबलपुर (डीडवाना-कुचामन) अयोग्य पाए गए।