राज्य में प्रस्तावित जनगणना-2027 की तैयारियों को लेकर मुख्य सचिव सुधांश पंत ने सोमवार को सचिवालय में राज्य स्तरीय समन्वय समिति की समीक्षा की। इसमें राजस्थान राज्य के 19 विभागों के प्रशासनिक सचिवों/ वरिष्ठ प्रतिनिधियों ने भाग लिया। मुख्य सचिव ने कहा कि फरवरी 2027 में आयोजित होने वाली जनगणना की प्रारंभिक समीक्षा है। उन्होंने विभागों को निर्देशित किया कि आगामी जनगणना के लिए प्रशासनिक इकाइयों का समय पर गठन सुनिश्चित करें और सभी कार्य केंद्र सरकार के जनगणना कार्य निदेशालय के निर्देशों के अनुरूप पूरे करें।
उन्होंने बताया कि इस बार जनगणना पूर्णत: डिजिटल स्वरूप में होगी, जिससे तहसील और गाँव स्तर का डेटा सटीक रूप से संकलित होगा। इस डेटा के विश्लेषण से विभिन्न विभाग अपनी योजनाओं और कार्यक्रमों का क्रियान्वयन अधिक प्रभावी ढंग से कर सकेंगे। श्री पंत ने कहा कि केन्द्र सरकार के निर्देशानुसार सम्बंधित सभी विभाग यह सुनिश्चित करें कि जनगणना प्रक्रिया के दौरान किसी भी प्रशासनिक इकाई की सीमाओं में परिवर्तन नहीं किया जाएगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि 31 दिसम्बर 2025 तक ही सीमाओं में बदलाव अनुमत होगा और इसके बाद 1 जनवरी 2026 से मार्च 2027 तक किसी भी प्रकार का परिवर्तन स्वीकार्य नहीं होगा। उन्होंने निर्देशित किया कि सम्बंधित विभागों को 1 दिसंबर 2025 के पूर्व उक्त प्रक्रिया पूर्ण कर लेने हेतु आवश्यक कार्यवाही की जानी है, उन्होंने इसे एक राष्ट्रीय दायित्व बताते हुए सभी विभागों से समन्वय के साथ कार्य करने का आह्वान किया। श्री पंत ने जनगणना के प्रथम चरण में मकान सूचीकरण और मकानों की गणना का कार्य मई जून माह में किए जाने के संबंध में निर्णय लेने हेतु नोडल विभाग को निर्देश दिए। उन्होने मई—जून माह में गर्मी की तीव्रता को देखते हुए ओआरएस के साथ प्राथमिक दवाइयों का किट भी जनगणना प्रगणकों और सुपरवाइजरों को दिए जाने के संबंध में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग को निर्देश भी प्रदान किए।
इस दौरान जनगणना कार्य निदेशक, गृह मंत्रालय बिष्णु चरण मल्लिक ने कहा कि जनगणना की सटीकता सुनिश्चित करने के लिए ग्राम, नगर, तहसील और जिला स्तर की सीमाएँ समय रहते स्थिर की जानी चाहिए। उन्होंने बताया कि मुख्य रूप से राजस्व एवं स्वायत्त शासन विभाग द्वारा विभिन्न स्तर पर किए जाने वाले प्रशासनिक / क्षेत्राधिकार परिवर्तनों को यथाशीघ्र पूर्ण किया जाना है क्योंकि भारतवर्ष में कुल बनी तहसीलों में राजस्थान का 18 प्रतिशत हिस्सा और कुल नए बने गांवों में लगभग 47 प्रतिशत हिस्सा राजस्थान का है। वहीं जनगणना 2027 के फ्रेम को स्थिर करने से पूर्व नई इकाइयों का सत्यापन, मानचित्र निर्माण व कोड आवंटन किए जाने की प्रक्रिया में भी समय लगता है। श्री मल्लिक ने बताया कि मई, जून 2026 में जनगणना के पहले चरण में हाउसलिस्टिंग और हाउसिंग सेंसस का कार्य किया जाएगा व इसके बाद फरवरी 2027 में दूसरे चरण के तहत जनसंख्या गणना शुरू की जाएगी। उन्होंने जनगणना के कार्य के सुचारू क्रियान्वयन के लिए सुझाव दिया कि रिक्त पदों को शीघ्र भरा जाए और जनगणना कार्य में नियुक्त कार्मिकों को कार्य पूरा होने तक स्थानान्तरण नहीं किया जाए। उन्होंने विभागों की जिम्मेदारियाँ स्पष्ट करते हुए कहा कि राजस्व विभाग और स्वायत्त शासन विभाग द्वारा सीमाओं के निर्धारण का कार्य किया जाएगा। इसी प्रकार योजना व सांख्यिकी विभाग जिला स्तर पर समन्वय का दायित्व निभाएगा और सूचना एवं जनसंपर्क विभाग व शैक्षणिक संस्थानों के माध्यम से व्यापक जनजागरूकता अभियान चलाया जाएगा।