आरजीएचएस योजना में बड़े घोटाले का पर्दाफाश कर झालावाड़ पुलिस ने ₹25 हजार के इनामी आरोपी सहकारी उपभोक्ता मेडिकल स्टोर के संचालक कमलेश राठौर को गिरफ्तार किया है। राठौर पर राज्य कर्मचारियों के फर्जी मेडिकल बिल और चिकित्सक की प्रेस्क्रिप्शन पर्चियां बनाकर लाखों रुपये का सरकारी धन गबन करने का आरोप है। झालावाड़ पुलिस अधीक्षक अमित कुमार ने बताया कि झालरापाटन के राजकीय सैटेलाइट अस्पताल में फर्जी ओपीडी पर्चियां और मेडिकल बिल तैयार कर सरकार को चूना लगाया जा रहा था। जब एक फर्जी ओपीडी पर्ची के आधार पर दवाइयों के बिल भुगतान के लिए सीएमएचओ कार्यालय भेजे गए तो इस घोटाले का खुलासा हुआ। ओपीडी पर्चियों की जांच के दौरान गड़बड़ी पाए जाने पर संबंधित चिकित्सक से पूछताछ की गई। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक ने आरोपी की गिरफ्तारी पर ₹25 हजार का इनाम घोषित किया था। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक चिरंजीलाल मीणा के नेतृत्व में एक विशेष टीम का गठन किया गया जिसमें पुलिस उपाधीक्षक हर्षराज सिंह खरेड़ा भी शामिल किए गये। तकनीकी जांच के आधार पर टीम ने फरार आरोपी कमलेश राठौर पुत्र रमेश चंद निवासी झालरापाटन को इंदौर से 40 किलोमीटर दूर पीथमपुर से हिरासत में लिया। गहन पूछताछ के बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया।
जांच से पता चला है कि सहकारी मेडिकल स्टोर संचालक कमलेश राठौर और अस्पताल में कार्यरत संविदा कंप्यूटर ऑपरेटर राहुल कुमार जैन ने मिलकर यह षड्यंत्र रचा। वे आरजीएचएस कार्ड धारक मरीजों की फर्जी पर्चियां बनाते थे और उन पर महंगी दवाइयां व जांचें लिखवाते थे। इसके बाद डॉक्टर की सील और हस्ताक्षर का दुरुपयोग कर फर्जी बिल तैयार किए जाते थे। मामले में कंप्यूटर ऑपरेटर राहुल कुमार जैन को पहले ही गिरफ्तार कर लिया गया था, जो फिलहाल न्यायिक हिरासत में है। फरार होने के बाद कमलेश राठौर की तलाश जारी थी, जिसे अब पुलिस ने पकड़ लिया है। पुलिस मामले के अन्य पहलुओं की भी गहनता से जांच कर रही है,ताकि इस घोटाले में शामिल अन्य लोगों का भी पता लगाया जा सके।