कृषि को राज्य की अर्थव्यवस्था की रीढ़ मानते हुए सरकार का उद्देश्य न केवल उत्पादन बढ़ाना है, बल्कि कृषकों को आर्थिक रूप से खुशहाल बनाना भी है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की मंशा है कि किसान आत्मनिर्भर बनें, उनकी आमदनी दोगुनी हो और कृषि को तकनीकी, प्रशिक्षण और संसाधनों से जोड़कर कृषकों को समृद्ध बनाया जाए। इसके साथ ही राज्य सरकार महिला सशक्तीकरण के लिए भी कृतसंकल्पित है। इस दोहरे लक्ष्य की प्राप्ति हेतु प्रदेश की महिला कृषकों को निःशुल्क बीज मिनीकिट का वितरण किया जा रहा है।
कृषि कार्य में महिलाएं बुआई से लेकर कटाई तक अहम भूमिका निभाती हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए कृषि विभाग द्वारा महिलाओं को मूंग, मोठ, ज्वार, मक्का, बाजरा, मूंगफली और सोयाबीन की फसलों के निःशुल्क बीज मिनीकिट वितरित किए जा रहे हैं। इससे महिला कृषक उच्च गुणवत्ता की फसल प्राप्त कर आर्थिक रूप से सशक्त होने के साथ ही राज्य और देश की अर्थव्यवस्था में अपना अहम योगदान दे रही हैं।
वहीं अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, लघु एवं सीमांत कृषकों, स्वयं सहायता समूहों, निशक्तजनों और गरीबी रेखा के नीचे जीवन-यापन करने वाली महिला कृषकों को प्राथमिकता दी गई है। बीज वितरण की पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए यह कार्य जन आधार कार्ड के माध्यम से किया जा रहा है। संबंधित कृषि पर्यवेक्षक लाभार्थियों को न केवल बीज प्रदान कर रहे हैं, बल्कि विभिन्न जलवायु क्षेत्रों के अनुसार फसल की किस्म के चयन, बुवाई की विधि, फसल प्रबंधन और बीजों के उचित उपयोग की जानकारी भी दे रहे हैं, जिससे किसान अधिक उपज प्राप्त कर सकें।