Agriculture News: प्रदेश में यूरिया का सभी जिलों में पारदर्शितापूर्ण वितरण —शासन सचिव कृषि

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कृषि विभाग की ओर से यूरिया की दैनिक उपलब्धता की समीक्षा कर कम उपलब्धता और अधिक खपत वाले जिलों को चिन्हित करते हुए सभी जिलों में प्राथमिकता से पूर्ण पारदर्शिता से वितरण किया जा रहा है। शासन सचिव कृषि एवं उद्यानिकी राजन विशाल ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा निरन्तर केन्द्र सरकार से समन्वय कर प्रदेश में मांग अनुसार उर्वरकों की आपूर्ति करवाई जा रही है। प्रदेश में वर्तमान में 1 लाख 70 हजार मैट्रिक टन (एम.टी.) यूरिया सभी जिलों में उपलब्ध है। श्री गंगानगर जिलें में सबसे अधिक 18777 एम.टी. जोधपुर में 12971, टोंक में 11900, नागौर में 8851 एवं बारां में 8583 एम.टी. यूरिया का स्टॅाक उपलब्ध है। कम उपलब्धता वाले जिलों में आगामी 3-4 दिवस में यूरिया की आपूर्ति हेतु कार्यवाही की जा चुकी है।
उन्होने बताया कि केन्द्र सरकार की ओर से यूरिया एवं डीएपी का राज्यों को माहवार व कम्पनीवार आंवटन किया जाता है। राज्य सरकार द्वारा प्राप्त आंवटन एवं जिलों की मांग के अनुसार जिलेवार आपूर्ति योजना तैयार कर उर्वरकों का वितरण कराया जाता है।
श्री विशाल ने बताया कि खरीफ में अप्रेल से अगस्त तक भारत सरकार द्वारा आवंटित 8.82 लाख मै.टन यूरिया के विरूद्ध अब तक 6.97 लाख मै.टन की आपूर्ति कराई जा चुकी है और माह अगस्त की शेष अवधि में 1.85 लाख मै.टन यूरिया की आपूर्ति हेतु आपूर्तिकर्त्ता फर्मों को शत-प्रतिशत आपूर्ति हेतु निर्देशित किया गया है। शासन सचिव कृषि एवं उद्यानिकी द्वारा अवगत कराया कि कृषकों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड में अंकित सिफारिशानुसार संतुलित उर्वरकों के उपयोग हेतु प्रेरित करने, उर्वरकों का समान रुप से वितरण कराने व उर्वरक वितरण में अनियमितता बरतने वाले विक्रेताओं के विरुद्व कार्यवाही हेतु समस्त जिला अधिकारियों को निर्देशित किया गया है।
आयुक्त कृषि सुश्री चिन्मयी गोपाल ने बताया कि गत 3 वर्षो में खरीफ सीजन के माह अप्रेल से अगस्त तक यूरिया की औसत खपत 9.39 लाख मै.टन रही है। खरीफ 2025 में अप्रेल से अब तक यूरिया की कुल मांग 6.88 मांग लाख मै.टन के विरुद्व राज्य में प्रारम्भिक स्टॅॅाक सहित 9.56 लाख एम.टी. यूरिया की उपलब्धता हो चुकी है एवं निरंतर आपूर्ति जारी है। उन्होने बताया कि खरीफ 2025 में अप्रैल से अगस्त तक केंद्र सरकार द्वारा आवंटित 4.75 लाख मै.टन डीएपी के विरूद्ध अब तक 2.73 लाख मै.टन की आपूर्ति हो चुकी है। डीएपी के वैकल्पिक उर्वरक एनपीके की 1.23 लाख मै.टन व एसएसपी 1.60 लाख मै.टन की अभी तक आपूर्ति हो चुकी है एवं माह अगस्त की शेष अवधि में 1.18 लाख मै.टन डीएपी की राज्य में आपूर्ति कराई जा रही है।
आयुक्त कृषि ने बताया कि इस वर्ष प्री-मानसून एवं मानसून के दौरान लगातार वर्षा होने के कारण कृषकों द्वारा यूरिया की निरन्तर मांग की जा रही है। इस वर्ष राज्य में गत वर्ष की तुलना में 16.12 लाख हैक्टेयर अधिक बुवाई हुई है, जिसमें विशेषकर मक्का 6 प्रतिशत, धान 15 प्रतिशत एवं कपास 25 प्रतिशत की अधिक बुवाई हुई है, जिसके कारण यूरिया की मांग अधिक है। विभाग द्वारा राज्य के कृषकों को गुणवत्तायुक्त उर्वरकों की उपलब्धता सुनिश्चित करने हेतु समय-समय पर कार्यवाही की जा रही है। खरीफ 2025 में कालाबजारी, टैगिंग जमाखोरी, डायर्वजन तथा गैर कृषि कार्य में उपयोग की रोकथाम हेतु राज्य के 39 आदान विक्रेताओं के उर्वरक विक्रय प्राधिकार पत्र निलम्बित एवं 9 निरस्त किये गये, 65 स्थानों पर उर्वरकों की जब्ती की गई। उर्वरक नियंत्रण आदेश 1985 के प्रावधानों का उल्लघंन किये जाने के फलस्वरूप उर्वरक विनिर्माताओं व विक्रेताओं के विरूद्ध 44 एफ.आई.आर. दर्ज की गई। राज्य के उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश, गुजरात, हरियााणा और पंजाब राज्यों से लगती सीमाओं के सीमावर्ती जिलों में चौक पोस्ट स्थापित की जाकर यूरिया डायर्वजन रोकने हेतु नियमित निगरानी की जा रही है। साथ ही प्लाईवुड,रेजिन, डेफ, पोलिमर्स निर्माण इकाईयों के यहां यूरिया के गैर कृषि कार्यो के उपयोग की आंशका के कारण राज्य स्तर पर टीमों का गठन किया जाकर छापेमारी की गई, जिसमें 11 स्थानों पर कार्यवाही करते हुये 621.8 मै.टन यूरिया जब्त किया गया और नीम कोटेड यूरिया पाये जाने पर संबंधित के विरूद्ध 4 एफआईआर दर्ज कराई गई है।

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