सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री अविनाश गहलोत ने सोमवार को अंबेडकर भवन में प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना पर राज्य स्तरीय सलाहकार समिति ने समीक्षा की। श्री गहलोत ने योजनांतर्गत चयनित 32 जिलों के 2009 ग्रामों में सर्वे कार्य करवाकर ग्राम विकास योजना (वीडीपी) तैयार कर योजना के पोर्टल पर अपलोड करने के संबंध में, सर्वे द्वारा तैयार ड्राफ्ट वीडीपी को पी.एम.ए.जी.वाई. जिला अभिसरण समिति से अनुमोदन उपरान्त फाईनल या अद्यतित वीडीपी को योजना के पोर्टल पर अपलोड या लॉक करने के संबंध में, वीडीपी में चिन्हित विकास कार्यों के लिए प्रशासनिक, तकनीकी एवं वित्तीय स्वीकृतियाँ जारी कर अप्रारम्भ एवं प्रगतिरत कार्यों को शीघ्र पूर्ण करवाकर कार्यों की प्रगति योजना के पोर्टल पर अद्यतन किये जाने के संबंध में दिशा निर्देश दिए।
उन्होने चिन्हित विकास कार्यों को शीघ्र पूर्ण करवाकर शेष उपयोगिता प्रमाण-पत्र भिजवाने के संबंध में, संबंधित विभागों द्वारा योजना के पोर्टल पर उपलब्ध लाभार्थियों की सूची से संपर्क कर लाभार्थियों को लाभान्वित करवाकर पोर्टल पर अद्यतन कराये जाने के संबंध में, योजनान्तर्गत चयनित ग्रामों में 70 या 70 से अधिक अर्जित विलेज स्कोर वाले ग्रामों को “आदर्श ग्राम घोषित किये जाने के प्रस्ताव पी.एम.ए.जी.वाई. पोर्टल के माध्यम से विभाग को भिजवाये जाने के संबंध में चर्चा की गई।
वहीं मंत्री ने देवनारायण योजना के अंतर्गत अति पिछड़ा वर्ग के उत्थान के लिए संचालित योजनाओं की भौतिक और वित्तीय प्रगति कि भी समीक्षा की। श्री गहलोत ने कहा कि मुख्यमंत्री की मंशा है कि राज्य सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ समाज के सभी तबकों को मिले।
इस दौरान जल संसाधन, ग्रामीण विकास, ऊर्जा, गृह, सार्वजनिक निर्माण, जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी, चिकित्सा, पंचायतीराज, सूचना एवं प्रौद्योगिकी, महिला एवं बाल विकास, राज्य अनुसूचित जाति आयोग और सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के अधिकारीगण उपस्थित रहे।