मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि राज्य में प्रचुर मात्रा में खनिज संसाधन उपलब्ध हैं और खनन की अपार संभावनाएं हैं। इन संसाधनों के विवेकपूर्ण उपयोग से न केवल राज्य की अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा बल्कि स्थानीय रोजगार और क्षेत्रीय विकास को भी गति मिलेगी। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार प्रदेश में खनन से राजस्व अर्जन के साथ खनन और पर्यावरण के मध्य संतुलन पर भी विशेष जोर दे रही है। केन्द्र और राज्य सरकार के बेहतरीन सामंजस्य से प्रदेश में खनन के क्षेत्र में अभूतपूर्व काम हो रहा है।
श्री शर्मा व केन्द्रीय कोयला एवं खान मंत्री जी. किशन रेड्डी सोमवार को मुख्यमंत्री निवास पर खान विभाग की संयुक्त समीक्षा कर रहे थे। इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में असीम खनिज संपदा की संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए नए खनिज ब्लॉक्स की पहचान की जाए। साथ ही, नीलामी प्रक्रिया में तेजी लायी जाए। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि केन्द्र सरकार से समन्वय करते हुए इस क्षेत्र में पर्यावरण क्लीयरेंस में भी गति लायी जाए जिससे समयबद्ध खनन सुनिश्चित हो सके।
निवेश को आकर्षित करने के लिए खनिज संपदा का करें व्यापक प्रचार-प्रसार—
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में 82 प्रकार के धात्विक और अधात्विक खनिज हैं जिनमें से 57 प्रकार के खनिजों का दोहन किया जा रहा है। राज्य की खनिज संपदा बहुमूल्य एवं दुर्लभ है। ऐसे में इस संपदा का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए जिससे अधिक से अधिक उद्योगपति प्रदेश में निवेश करें। उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा खनन नवाचारों को बढ़ावा देने के लिए नियमों में आवश्यकतानुसार संशोधन किया जाए। इसके लिए इस क्षेत्र में अन्य राज्यों द्वारा किए जा रहे कार्यों का भी अध्ययन करें।
वहीं केन्द्रीय मंत्री ने मुख्यमंत्री के नेतृत्व में राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि राजस्थान खनन क्षेत्र में पारदर्शिता, स्थानीय विकास और निवेश आकर्षण के लिए उल्लेखनीय काम कर रहा है। परिणामस्वरूप हाल ही में देशभर में खनिज ब्लॉकों की नीलामी में अनुकरणीय प्रदर्शन के लिए राजस्थान को प्रथम पुरस्कार से सम्मानित भी किया गया था। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि इस क्षेत्र में और अधिक निवेश आकर्षित करने के लिए प्रो-एक्टिव अप्रोच के साथ काम करें।