मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि महाराजा अजमीढ़ चंद्रवंशी परंपरा के महान शासक होने के साथ ही उच्च कोटि के कलाकार भी थे। उन्होंने आभूषण और कलाकृतियां बनाने की कला को अपनी प्रजा और वंशजों के लिए एक गौरवशाली व्यवसाय में बदलने का कार्य किया। उन्होंने कहा कि स्वर्णकार समाज महाराजा अजमीढ़ की परंपरा को आगे बढ़ाते हुए देश की कला, संस्कृति और अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में अहम योगदान दे रहा है। श्री शर्मा रविवार को जयपुर के अग्रवाल कॉलेज में श्री मैढ़ क्षत्रिय स्वर्णकार सभा द्वारा आयोजित महाराजा अजमीढ़ जयंती महोत्सव को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सोने को तराशकर उसमें प्राण फूंकने की जो कला स्वर्णकार समाज के पास है, वह दुनिया के अन्य किसी समाज में देखने को नहीं मिलती। उनके द्वारा बनाए जाने वाले आभूषण भारतीय संस्कृति की पहचान हैं। श्री शर्मा ने कहा कि जयपुर विशेष रूप से रत्न एवं आभूषणों के एक वैश्विक केंद्र के रूप में विख्यात है। यहां के कारीगरों द्वारा तैयार किए गए रत्न और सुंदर आभूषण अंतरराष्ट्रीय बाजार में जयपुर को विशेष पहचान दिलाते हैं। इससे देश की अर्थव्यवस्था को गति मिलने के साथ ही, लाखों लोगों को रोजगार मिल रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार हस्तशिल्प के हुनर को सम्मान देने के साथ ही, प्रदेश में उद्योग और व्यापार को बढ़ावा देने के लिए अनेक स्तर पर प्रयास कर रही है। प्रदेश के आर्थिक विकास को सर्वाेपरि रखते हुए पिछले 22 महीनों में हमने आर्थिक सुधार लाने, प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करने और निवेशकों के लिए अनुकूल माहौल बनाने के लिए कई उल्लेखनीय कदम उठाए हैं।