मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि शिक्षक ज्ञान के वाहक हैं, जो राष्ट्र के भविष्य का निर्माण करते हैं। उनकी शिक्षा ही समाज को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाती है। उन्होंने कहा कि अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के शिक्षक भारत को ज्ञान में विश्वगुरु, संस्कृति में समृद्ध, मूल्यों में अग्रणी और चरित्र में श्रेष्ठ बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे है। श्री शर्मा रविवार को जयपुर के जामडोली स्थित केशव विद्यापीठ में अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के 9वें अधिवेशन के उद्घाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि 1988 में स्थापित हुआ अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ ऐसा मंच है जहां ‘राष्ट्र के हित में शिक्षा, शिक्षा के हित में शिक्षक, शिक्षक के हित में समाज‘ का त्रिसूत्रीय वाक्य साकार होता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि महासंघ ने समाज में सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की अलख जगाने का काम किया है। राष्ट्रीयता और भारतीय दर्शन की भावना से ओतप्रोत होकर इस संगठन से जुड़े शिक्षक प्री-प्राइमरी से लेकर विश्वविद्यालय स्तर तक कार्य करते हैं। उन्होंने कहा कि महासंघ राष्ट्रभक्ति और चारित्रिक मूल्यों का संचार करते हुए संस्कारवान युवाओं का निर्माण कर रहा हैं।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने लघु, सीमांत, बटाईदार किसानों और खेतिहर श्रमिकों के बच्चों के लिए सत्र 2024-25 से राजकीय महाविद्यालयों में राजकीय निधि कोष में लिये जाने वाला शुल्क पूर्णतः माफ किया है। यह निर्णय समाज के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति को सशक्त बनाने की हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। साथ ही, हमने वंचित वर्ग के बच्चों के लिए शुल्क माफी, छात्रवृत्तियां और विशेष प्रावधान भी किए हैं।