पशुपालन एवं डेयरी मंत्री जोराराम कुमावत ने कहा कि सरस उत्पादों की गुणवत्ता और शुद्धता के कारण सम्पूर्ण देश में एक विशिष्ठ पहचान है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की मंशानुरूप डेयरी उत्पादों के क्षेत्र में सरस को विश्वस्तरीय ब्रांड बनाने के हर संभव प्रयास किये जा रहे हैं। श्री कुमावत गुरुवार को शासन सचिवालय में आयोजित राजस्थान को-ऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन लिमिटेड की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने आरसीडीएफ के अधिकारियों को निर्देशित किया कि जिन सरस उत्पादों की मांग अधिक है उनके उत्पादन में वृद्धि की जाए। साथ ही उत्पादन के समय गुणवत्ता का विशेष रूप से ध्यान रखा जाये।
मंत्री ने कहा कि सरस उत्पादों के नाम से ख़राब गुणवत्ता के उत्पादों को बनाने और बेचने वालों के विरुद्ध निरंतर जाँच अमल में लाकर सख्त कार्रवाई की जाये। उन्होंने निर्देश दिए कि विभाग की बजट घोषणाओं को समय पर लागू करने के लिए उनकी नियमित मोनिटरिंग करते हुए पशुपालकों को राहत प्रदान करें।
शासन सचिव डॉ. समित शर्मा ने कहा कि सहकारी डेयरियाँ किसानों और पशुपालकों को आर्थिक संबल देने के साथ बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर भी उपलब्ध कराती है इसलिए सभी सहकारी संघों में रिक्त पदों को भरने और नवीन संघों में नए पद स्वीकृत करने की कार्यवाही भी जल्द पूर्ण करने के प्रयास किये जायेगे। समीक्षा के दौरान डेयरी फेडरेशन की प्रबन्ध निदेशक श्रुति भारद्वाज ने अपना रिर्पोट कार्ड प्रस्तुत किया। उन्होने बताया कि फेडरेशन द्वारा गत वर्ष की तुलना में इस वर्ष सरस उत्पादों के विक्रय में अभूतपूर्व प्रगति प्राप्त की गयी है। वर्ष 2024-25 में वाइट बटर की बिक्री में 757 प्रतिशत की वृद्धि हुई है वहीँ स्वीट्स में 38 फीसदी, घी में 21 फीसदी, फ्लेवर्ड मिल्क में 20 फीसदी और फ्रेश प्रोडक्ट्स की बिक्री में 18 फीसदी की वृद्धि हुई हैं। उन्होंने बताया कि विभिन्न संघों और आरसीडीएफ द्वारा इस वर्ष 400 करोड़ रुपए से अधिक का लाभ अर्जित किया गया है, जो गत वर्ष की तुलना में 34 फीसदी से भी अधिक है।