प्रदेश में हाईकोर्ट ने आमजन को विशेष राहत प्रदान करते हुए एक आदेश पारित किया है। शासन में पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाने की दिशा में राजस्थान उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने अपने आदेश में कहा है कि राज्य सरकार के सभी विभाग और जिला कलेक्टर नागरिकों द्वारा दी गई किसी भी प्रकार की शिकायत या अभ्यावेदन पर 30 दिनों के भीतर पावती रसीद जारी करें।
कोर्ट ने कहा कि उस शिकायत पर किसी अन्य विभाग से पत्राचार हुआ है, तो उसकी प्रति सात दिनों के भीतर शिकायतकर्ता को उपलब्ध कराना अनिवार्य होगा। इससे नागरिकों को उनकी शिकायत की स्थिति और उस पर हुई प्रगति के बारे में जानकारी मिलती रहेगी, जिससे पारदर्शिता सुनिश्चित हो सकेगी। यह आदेश मुख्य न्यायाधीश के. आर. श्रीराम और न्यायमूर्ति आनंद शर्मा की खंडपीठ ने 31 जुलाई को विश्राम गुर्जर व अन्य की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया। आदेश की प्रति गुरुवार को न्यायालय की वेबसाइट पर अपलोड की गई और इसके अनुपालन के लिए मुख्य सचिव को भेजे जाने का निर्देश भी दिया गया है।