न्यायाधीश अनूप कुमार ढंड ने एलबीएस कान्वेंट स्कूल, दी लॉर्ड बुद्धा पब्लिक स्कूल और इनके विद्यार्थियों की याचिकाओं पर कहा कि स्कूलों का कोचिंग संस्थानों से गठबंधन और विस्तार शिक्षा प्रणाली के लिए संकट व कलंक के समान है। श्री ढंड ने कहा राज्य सरकार और केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड व राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड सहित सभी शिक्षा बोर्ड एसआईटी गठित करे, जो आकस्मिक निरीक्षण कर पता लगाए कि स्कूल के समय शिक्षक और छात्र-छात्रा कोचिंग संस्थान तो नहीं जा रहे। वहीं यदि विद्यार्थी स्कूल में गैरहाजिर है और उसी समय कोचिंग सेंटर जा रहा है तो स्कूल पर कार्रवाई कर मान्यता समाप्त की जाए। विद्यार्थियों के बेहतर भविष्य के लिए नियम बनाने की आवश्यकता है। कोर्ट ने मुख्य सचिव, शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव और सभी शिक्षा बोर्ड को आदेश की कॉपी भेजी है।
कोर्ट ने अपनी टिप्पणी में कहा कि प्रदेश में अनेक स्कूल कक्षा 9 से 12 में विद्यार्थियों को डमी प्रवेश देते हैं। विद्यार्थियों को यहां आने की जरूरत नहीं रहती। बच्चे स्कूल समय में नीट-जेईई आदि की तैयारी के लिए कोचिंग सेंटर जाते हैं। ऐसे में शिक्षा इन संस्थानों के लिए व्यापार बन गई। इन निजी स्कूलों में अभिभावकों के अनुरोध और कोचिंग सेंटर की मिलीभगत से डमी एडमिशन होता है।