प्रमुख सचिव खान, भूविज्ञान एवं पेट्रोलियम टी. रविकान्त ने ऑक्शन ब्लॉकों के मंशापत्रधारकों से ऑक्शन खानों को जल्द परिचालन में लाने के लिए आवश्यक औपचारिकताएं प्राथमिकता से पूरी करने को कहा है। उन्होंने कहा कि आवश्यक अनुमतियां प्राप्त करने के लिए आवेदन ही ना करने या आधीअधूरी औपचारिकताएं पूरी करने से खानों को परिचालन में लाने में अनावश्यक देरी होती है। श्री रविकान्त सोमवार को खनिज भवन में 13 संस्थाओं के 22 मंशापत्रधारकों के प्रतिनिधियों के साथ संवाद किया। उन्होंने कहा कि ऑक्शन ब्लॉकों को जल्द परिचालन में लाना केन्द्र व राज्य सरकार दोनों की प्राथमिकता है और इसके लिए गंभीर प्रयास किये जा रहे हैं। विभाग द्वारा वरिष्ठ अधिकारी अधीक्षण खनि अभियंता सतर्कता को नोडल अधिकारी बनाया गया है।
उल्लेखनीय है कि मंशापत्रधारकों को आईबीएम से माइनिंग प्लान का अनुमोदन, वन विभाग से फारेस्ट क्लीयरेंस, पर्यावरण विभाग से टर्म ऑफ रेफरेंस (टीओआर), एंवायरमेंटल इंपेक्ट एसेसमेंट रिपोर्ट (ईआईए) व जिला कलक्टर के यहां जनसुनवाई आदि और इसके बाद सेक एवं सिया से पर्यावरण अनुमति, प्रदूषण बोर्ड से खनन के लिए कंसेट टू ऑपरेट (सीटीओ) और कंसेट टू एस्टाबलिस (सीटीई), चरागाह भूमि होने की स्थिति में राजस्व विभाग से अनुमति सहित आवश्यक अनुमतियां प्राप्त करनी होती है। मेजर मिनरल के अधिकांश ब्लॉक लाइमस्टोन से संबंधित है और इन ब्लॉकों के अधिकांश मंशापत्रधारक सीमेन्ट कंपनियां है और इनके द्वारा आवश्यक अनुमतियां प्राप्त करने में देरी करने से ऑक्शन खानें परिचालन में नहीं आ पा रही। इस दौरान संयुक्त सचिव माइंस अरविन्द सारस्वत सहित अन्य अधिकारी और मंशापत्रधारकों के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।