मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की पहल पर आरयूएचएस अस्पताल को रिम्स के रूप में विकसित करने की दिशा में तेजी से प्रयास किए जा रहे हैं। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर ने गुरूवार को राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय में इस संबंध में समीक्षा कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। श्री खींवसर ने कहा कि आरयूएचएस अस्पताल को रिम्स के रूप में विकसित करने के लिए राज्य सरकार ने 750 करोड़ रुपए का बजट प्रावधान किया है। अधिकारी, राज्य सरकार की प्रतिबद्धता के अनुरूप रिम्स के लिए आवश्यक वित्तीय और प्रशासनिक स्वीकृतियां शीघ्र जारी करवाएं व समयबद्ध रूप से निविदा प्रक्रिया पूर्ण कर काम को गति दें। उन्होंने कहा कि आरयूएचएस के रिम्स के रूप में विकसित होने से न केवल जयपुरवासियों बल्कि प्रदेशभर के लोगों को स्वास्थ्य सेवाओं के लिए एक बेहतरीन विकल्प मिलेगा और चिकित्सा के क्षेत्र में शोध एवं अनुसंधान को बढ़ावा मिलेगा।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की प्रमुख शासन सचिव श्रीमती गायत्री राठौड़ ने कहा कि रिम्स के विकास से संबंधित कार्यों को समय पर पूरा करने के लिए टाइमलाइन के साथ एक एक्शन प्लान बनाएं। किसी भी स्तर पर बाधा आने पर तत्काल अवगत कराएं। उन्होंने कहा कि आरयूएचएस अस्पताल में मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सेवाएं 24 घंटे उपलब्ध होना सराहनीय है। उन्होंने कहा कि यह प्रयास किया जाए कि आसपास के क्षेत्रों और दूसरे जिलों से रेफर होने वाले केस आरयूएचएस में आएं। इससे यहां की विशेषज्ञ सेवाओं का समुचित उपयोग हो सकेगा।
चिकित्सा शिक्षा सचिव अम्बरीष कुमार ने कहा कि रिम्स का विकास तीन चरणों में किया जाना प्रस्तावित है। पहले चरण में मौजूदा सुविधाओं को सुदृढ़ करने के साथ ही सुपर स्पेशियलिटी सेवाओं का विस्तार किया जाएगा। दूसरे चरण में डेडीकेटेड सुपर स्पेशियलिटी विभाग स्थापित किए जाएगें और तृतीय चरण में शोध व अनुसंधान गतिविधियों को प्रोत्साहित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि यहां ट्रोमा सेन्टर, जीरियाट्रिक्स हेल्थ केयर रिसोर्स एवं रिसर्च सेन्टर एवं डेडिकेटेड थैलेसिमिया यूनिट की स्थापना प्रक्रियाधीन है। क्रिटिकल केयर ब्लॉक तैयार हो चुका है, जिसका जल्द ही लोकार्पण किया जाएगा। उन्होंने बताया कि डेडिकेटेड सुपर स्पेशियलिटी विंग की स्थापना के लिए प्रस्ताव वित्त विभाग को भेजा जाएगा।
आरयूएचएस के अधीक्षक डॉ. महेश मंगल ने बताया कि अस्पताल में कैथलेब, प्लास्टिक सर्जरी, एंजियोग्राफी, एंजियोप्लास्टी, स्पोटर्स इंजरी और लिगामेंट सर्जरी जैसी सुविधाएं प्रारम्भ कर दी गई हैं। अस्पताल में अब 13 ऑपरेशन थियेटर फंक्शनल हैं, जिनमें 11 ओटी और 2 आपातकालीन ओटी शामिल हैं। वर्तमान में लगभग 2200 से 2600 मरीज प्रतिदिन ओपीडी में चिकित्सा परामर्श के लिए आ रहे हैं। जुलाई माह में 1800 से अधिक मरीजों की विभिन्न प्रकार की सफल सर्जरी की गई हैं। पोस्ट मार्टम सेवाएं भी प्रारंभ कर दी गई हैं। अब अस्पताल में 24 घंटे लेबर रूम संचालित किया जा रहा है।