राज्य में कर चोरी के विरुद्ध चलाए जा रहे अभियान के तहत स्टेट जीएसटी विभाग ने अब तक की अपनी सबसे बड़ी और संगठित कार्रवाई करते हुए प्रदेश के 12 बड़े माइनिंग रॉयल्टी कलेक्शन ठेकेदारों के खिलाफ एक साथ सर्वे की कार्रवाई की है। मुख्य आयुक्त कुमारपाल गौतम ने बताया कि खान और जीएसटी विभाग के डेटा का बिज़नेस इंटेलिजेंस यूनिट द्वारा अंतर-विभागीय तुलनात्मक विश्लेषण किया गया। इस विश्लेषण में कई चौंकाने वाली और गंभीर वित्तीय अनियमितताओं का खुलासा हुआ, जिसके आधार पर प्रदेश स्तर पर 12 विशेष टीमों का गठन कर एक साथ सर्वे ऑपरेशन को अंजाम दिया गया।
उन्होने बताया कि देर रात तक चली इस कार्रवाई के दौरान जीएसटी अधिकारियों ने संबंधित ठेकेदारों के व्यावसायिक परिसरों पर दस्तावेजों की गहन जांच की। जांच के दौरान महत्वपूर्ण व्यावसायिक रिकॉर्ड, लेन-देन से जुड़े कागजात और डिजिटल साक्ष्य बरामद किए गए, जिन्हें आगे की विस्तृत जांच के लिए जब्त किया गया है। वहीं प्रारंभिक जांच में लगभग 300 करोड़ रुपये की कर चोरी से जुड़े ठोस दस्तावेजी साक्ष्य मिलने की पुष्टि हुई है। विभागीय सूत्रों के अनुसार, आने वाले दिनों में यह आंकड़ा और बढ़ सकता है।
गौरतलब है कि गत सप्ताह ही राज्य भर में होटल, रियल एस्टेट, डेयरी उत्पाद, सेवा क्षेत्र सहित 110 व्यावसायिक प्रतिष्ठानों पर कार्रवाई करते हुए लगभग 200 करोड़ रुपये की कर चोरी उजागर की गई थी। इस दौरान कई व्यापारियों ने कर चोरी स्वीकार करते हुए स्वेच्छा से 10 करोड़ रुपये विभाग के पास जमा कराए थे। श्री गौतम ने स्पष्ट किया है कि कर चोरी के खिलाफ अभियान आगे भी पूरी सख्ती और पारदर्शिता के साथ जारी रहेगा और किसी भी स्तर पर राजस्व को नुकसान पहुँचाने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।




