अफोर्डेबल हाउसिंग प्रोजेक्ट्स और सीवेज के काम की प्लानिंग आमजन की ज़रूरतों, सुरक्षा और सुव्यवस्थित नगरीय विकास को ध्यान में रखकर की जाए। यह कहना है नगरीय विकास एवं आवासन मंत्री झाबर सिंह खर्रा का ।
सोमवार को डीएलबी मुख्यालय के सभागार में आयोजित हुई रुडसिको की 60 वी बोर्ड मीटिंग सम्पन्न हुई। मीटिंग में पिछली बोर्ड के कार्यों, RUIDP, RUDSICO, RAVIL द्वारा केन्द्र और राज्य पोषित योजना PMAY, AMRUT, की समीक्षा की गई व योजनाओं को समयबद्ध और गुणवत्तापूर्वक कार्य करवाने के लिए निर्देश दिये गये ।
श्री खर्रा ने कहा की सीवेज का काम शुरू करने से पहले ही उसकी निर्माण अवधि , गुणवत्ता और नागरिकों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए कार्य योजना बनाई जाए ताकि किसी प्रकार की कोई जान माल की हानि ना हो। सीवेज के इनलेट और आउटलेट के निर्माण का विशेष ध्यान रखा जाए। सीवेज ड्रेनेज परियोजना की डी.पी.आर. निर्माण के समय विशेष ध्यान रखें और क्रियान्वयन में किसी प्रकार की कमी न रहे। डी.पी.आर. की शुद्धता और उसके क्रियान्वयन के लिए संबंधित तकनीकी अधिकारी उत्तरदायी होंगे। इस कार्य में लापरवाही बरतने वाले संवेदकों को भी नोटिस जारी कर उन पर जुर्माना लगाया जाए ताकि भविष्य में ऐसी कोई समस्या ना आए। उन्होंने अफोर्डेबल हाउसिंग प्रोजेक्ट्स को लेकर भी अधिकारियों को निर्देशित किया, श्री खर्रा ने कहा की लंबे समय से अफोर्डेबल हाउसिंग प्रोजेक्ट्स का काम लंबित होना चिंतनीय है। उन्होंने निर्देश दिए की इन आवासों के निस्तारण की प्रभावी कार्य योजना तैयार कर जल्द से जल्द आम जन के आवास के सपने को साकार किया जाए। इस दौरान रूडसिको के दो स्वतंत्र निदेशकों की नियुक्ति का भी अनुमोदन किया गया। श्रीमती सुमन शर्मा और श्री सूर्य प्रकाश चौपड़ा को नियमानुसार रुडसिको का स्वतंत्र निदेशक बनाया गया है।
समीक्षा के दौरान नगरीय विकास एवं आवासन विभाग के प्रमुख शासन सचिव डॉ देबाशीष पृष्टि ,स्वायत्त शासन विभाग के शासन सचिव रवि जैन, पीएचईडी विभाग के मिशन निदेशक रवीन्द्र गोस्वामी, आवासन आयुक्त डॉ रश्मि शर्मा, रुडसिको के कार्यकारी निदेशक हरि मोहन मीणा, डीएलबी निदेशक प्रतीक जुईकर, वित्तीय सलाहकार उम्मेद सिंह, मुख्य अभियंता अरुण व्यास, प्रदीप गर्ग सहित अन्य उच्च अधिकारी उपस्थित रहे।




