पशुपालन, गोपालन, डेयरी एवं देवस्थान मंत्री जोराराम कुमावत ने कहा कि राज्य सरकार की मंशा है कि हर ग्राम पंचायत पर गौशाला खुले। राज्य सरकार की ओर से गौशालाओं को सहयोग करने में कोई कमी नहीं रखी जाएगी। श्री कुमावत मंगलवार को बीकानेर जिला परिषद सभागार में जिले के सभी गौशाला संचालकों के साथ संवाद कर रहे थे। उन्होंने गौशाला संचालकों की समस्याओं को सुना और ज्यादातर का मौके पर ही निस्तारण कर दिया।
मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार पीपीपी मोड गो अभयारण्य बनाना चाहती है। कोई संस्था या भामाशाह इसमें आगे आना चाहे तो उनका स्वागत है। उन्होंने पशुपालकों से आह्वान किया कि वे पशुओं में लंपी रोग को लेकर गायों में वैक्सीनेशन करवाएं ताकि ये रोग पशुओं में फिर से ना आए। पशुपालन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि जिले की सभी गौशालाओं में लंपी को लेकर वैक्सीनेशन कर दिया गया है।
श्री कुमावत ने कहा कि सेक्स सोर्टेड सीमन योजना अंतर्गत इस साल राज्य सरकार 10 लाख डोज का वितरण करेगी। पिछले साल 2 लाख डोज का वितरण किया गया था। इस सीमन की खास बात ये कि इससे बछड़ी पैदा होने की संभावना 90 फीसदी होती है। खास बात ये भी कि केन्द्र सरकार बाजार में 1200 रु. में मिलने वाला यह सीमन 275 रू. में राज्य सरकार को और राज्य सरकार इसमें 75 फीसदी सब्सिडी देकर मात्र 70 रू में किसानों को उपलब्ध करवा रही है। उन्हेाने कहा कि सरकार नस्ल सुधार कार्यक्रम के तहत देशी गायों की नस्ल को बढ़ावा दे रही है।ब्राजील की गिर गाय प्रतिदिन 40-50 लीटर दूध का उत्पादन करती है जबकि भारतीय गिर गाय 10-15 लीटर दूध देती है। लिहाजा ब्राजील की गिर नस्ल का 2380 डोज सीमन भारत सरकार से मंगवाया गया था। अब और भी डिमांड भारत सरकार से की गई है जो भविष्य में हमें उपलब्ध होगा।
श्री कुमावत ने कहा कि मोबाइल वेटरनरी यूनिट अंतर्गत राज्य में 536 गाड़ियां और बीकानेर जिले में 26 मोबाइल गाड़ियां शुरू की गई है। जिसमें एक डॉक्टर, कंपाउंडर और मुफ्त दवाई रहती हैं। 1962 नंबर पर कॉल करके कोई भी व्यक्ति बीमार पशु के इलाज के लिए इसे घर बुला सकता है जो निशुल्क इलाज करेगी। यह सेवा अब गौशालाओं के लिए भी शुरू कर दी गई है। उन्होंने कहा कि आमजन मुख्यमंत्री मंगला पशु बीमा योजना अंतर्गत पशुओं का बीमा करवाएं ताकि पशु की मृत्यु पर 40 हजार का क्लेम ले सकें। गौशालाओं में मृत पशुओं के निस्तारण को लेकर उन्होंने कहा कि गांव से 4-5 किलोमीटर दूर सिवायचक भूमि इसके लिए आरक्षित की जा सकती है जहां पशुओं को गड्ढा खोदकर डालने की व्यवस्था की जा सकती है। इस दौरान कार्यक्रम में जिला कलेक्टर श्रीमती नम्रता वृष्णि, सीईओ जिला परिषद सोहनलाल, पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ. बिरमा राम, वरिष्ठ पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ लाल चंद शर्मा समेत जिले भर की गौशाला संचालक उपस्थित रहे।