राजस्थान सबसे बड़े सवाई मानसिंह (एसएमएस) अस्पताल के ट्रोमा सेंटर में रविवार देर रात आग लगने से पूरा प्रदेश दहल गया। घटना रात करीब 11:20 बजे की बताई जा रही है।एसएमएस की दूसरी मंजिल पर आईसीयू वार्ड में अचानक आग भड़क गई। आग लगने से अफरा-तफरी मच गई। हादसे में छह मरीजों की दर्दनाक मौत होना बताया गश है। वहीं पांच मरीजों की हालत गंभीर बताई गई है। मृतकों में चार पुरुष और दो महिलाएं सूचना हैं। अस्पताल प्रशासन ने आग लगने का कारण शॉर्ट सर्किट बताया है। घटना के समय आईसीयू और सेमी-आईसीयू में 18 मरीज भर्ती होना बताया है।
इस घटना ने अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्थाओं की पोल खोलकर रख दी। प्रथम पड़ताल में सामने आया कि अस्पताल का फायर अलार्म सिस्टम ने ठीक से काम नहीं किया और समय पर ऑक्सीजन लाइन भी बंद नहीं हो पाई। वहीं कर्मचारियों के पास पर्याप्त फायर सेफ्टी उपकरण भी नहीं थे। इन सब कारणों के चलते आग तेजी से फैल गई और 8 लोगों की मौत हो गई।
गम्भीर हादसे की सूचना मिलते ही मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा देर रात अस्पताल पहुंचे और घायलों के इलाज के लिए तत्काल संसाधन उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने कहा, यह बेहद दुखद और चिंताजनक घटना है। दोषियों पर सख्त कार्रवाई होगी। उन्होंने चिकित्सा शिक्षा सचिव अंबरीश कुमार, पुलिस कमिश्नर बीजू जॉर्ज जोसफ, कलेक्टर जितेंद्र सोनी और एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. दीपक माहेश्वरी से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। वहीं मुख्यमंत्री ने उच्च स्तरीय जांच कमेटी गठित करने के निर्देश दिए हैं।
एसएमएस कॉलेज के प्राचार्य डॉ. दीपक माहेश्वरी ने बताया कि आग भीषण थी और जलने व दम घुटने से छह लोगों की मौत हो गई है। अस्पताल प्रशासन ने परिजन की मदद से कई मरीजों को बड़ी मशकत से सुरक्षित बाहर निकाला। अस्पताल के बाहर सड़क पर ही मरीजों के बेड लगाए गए। मरीजों की आंखों में बीमारी से ज्यादा आग का खौफ नजर आया।