मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के कुशल नेतृत्व में राज्य सरकार “राजस्थान महिला निधि” योजना के तहत ग्रामीण महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिये 3,000 करोड़ का ऋण देगी। इस योजना के तहत राजीविका स्वयं सहायता समूहों (SHG) और उनकी सदस्याओं को आसान, सुलभ और त्वरित ऋण दिया जायेगा ताकि वे अपना व्यवसाय शुरु या विस्तारित कर सकें और परिवार की आमदनी बढ़ा सकें।
राज्य मिशन निदेशक राजीविका श्रीमती नेहा गिरि ने बताया कि महिलाएं 40,000 रुपये तक का ऋण मात्र 48 घंटे में प्राप्त कर सकती हैं, जबकि इससे अधिक राशि 15 दिनों में स्वीकृत होती है। यह योजना राजस्थान के सभी 41 जिलों में लागू है और लगभग 4 लाख स्वयं सहायता समूहों व करीब 45 लाख ग्रामीण परिवारों तक पहुँच चुकी है। गरीब, निराश्रित और वंचित महिलाओं को विशेष प्राथमिकता दी जाती है। डिजिटल आवेदन और न्यूनतम कागजी कार्यवाही होने से प्रक्रिया बेहद सरल है।
उन्होने बताया कि योजना के विस्तार के लिए राज्य सरकार ने नेशनल को-ऑपरेटिव डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (एनसीडीसी) से 3,000 करोड़ रुपये की ऋण सुविधा प्राप्त की है। एनसीडीसी भारत सरकार के सहकारिता मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण के अंतर्गत एक वैधानिक संगठन है। उक्त राशि का चेक प्रदान किये जाने के अवसर पर रोहित गुप्ता, उप प्रबंध निदेशक एनसीडीसी, डॉ. पूजा शर्मा, सीईओ- राजस्थान महिला निधि उपस्थित थे। श्रीमती गिरि ने बताया कि योजना के अंतर्गत सरकार द्वारा महिलाओं को ऋण पर ब्याज अनुदान दिया जाएगा जिससे उन्हें केवल 1.5% वार्षिक ब्याज पर ऋण उपलब्ध हो सकेगा। यह राशि महिलाओं को सूक्ष्म उद्यम, कृषि, पशुपालन, छोटे कारोबार और सामाजिक आवश्यकताओं के लिए आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने में प्रयुक्त होगी।
कम ब्याज दर महिलाओं को बिना आर्थिक बोझ के व्यवसाय बढ़ाने में मदद करती है। समय पर ऋण से महिला उद्यमिता, आय वृद्धि और वित्तीय साक्षरता को बढ़ावा मिला है। आवेदन से लेकर निगरानी तक सभी प्रक्रियाएँ पूरी तरह ऑनलाइन हैं। सामुदायिक समूह और महिला नेतृत्वकर्ता जागरूकता फैलाने और ऋण अदायगी में सक्रिय हैं।