Mines News: माइंस क्षेत्र में तुलाई और जीपीएस सिस्टम सहित सभी व्यवस्थाएं होगी ऑनलाईन —प्रमुख सचिव माइंस

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खान विभाग राज्य में माइंस सेक्टर में पारदर्शी, पेपरलेस, विवादरहित और प्रभावी मोनेटरिंग व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए साल के अंत तक तुलाई कांटे, व्हीकल ट्रेकिंग और जीपीएस सिस्टम की ऑनलाईन व्यवस्था को प्रभावी तरीके से लागू करने की तैयारी में है। प्रमुख सचिव खान एवं पेट्रोलियम टी. रविकान्त ने बताया कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के निर्देशन में खान विभाग पारदर्शी और पेपरलेस व्यवस्था लागू करने के लिए चरणवद्ध तरीके से आगे बढ़ रहा है। उन्होंने बताया कि ऑनलाईन व्यवस्था खनिज लीजधारकों के लिए सुविधाजनक होने के साथ ही लीजधारकों, रॉयल्टी ठेका धारकों और विभाग के बीच बेहतर मोनेटरिंग व्यवस्था विकसित करने में सहायक सिद्ध होगी।
श्री रविकान्त शुक्रवार को निदेशक माइंस महावीर प्रसाद मीणा और विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ तैयार ऑनलाईन मॉडूल्स के उपयोग और अन्य मॉडूल्स तैयार करने की प्रगति की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि खनिजों की तुलाई, रायल्टी ठेकाधारकों द्वारा अधिक रॉयल्टी वसूली और खनन परिवहन के दौरान अनियमितताओं की शिकायतों को देखते हुए विभाग द्वारा ऑनलाईन सिस्टम विकसित करने की दिशा में तेजी से काम किया जा रहा है। इससे खानधारकों के कार्य में अवरोध के साथ ही राज्य सरकार का राजस्व भी प्रभावित होता है। उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा इसके लिए रेडियो फ्रिक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन डिवाइस विकसित की जा रही है ताकि सरलीकृत पारदर्शी पेपरलेस ऑनलाईन व्यवस्था विकसित हो सके। यह व्यवस्था खानधारकों और राज्य सरकार दोनों के लिए ही लाभकारी होगी वहीं सरकारी राजस्व के छीजत पर कारगर रोक लग सकेगी।
श्री रविकान्त ने बताया कि विभागीय आईटी टीम द्वारा 22 मॉडूल्स पर काम किया जा रहा है जिसमें से ऑनलाईन माइनिंगप्लान स्वीकृत करने, नोड्यूज जारी करने सहित कुछ मॉडूल्स प्रयोग में आना आरंभ हो गए हैं। उन्होंने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि जो मॉडूल्स या मोबाइल एप प्रयोग में आना आरंभ हो गए हैं उन कार्यों को ऑनलाईन ही संपादित किया जाए। इसके साथ ही निदेशालय को भी निर्देशित किया कि प्रयोग में आ रहे मॉडूल्स के फील्ड में अधिकारियों द्वारा उपयोग और कार्य की मॉनेटं​रिंग व्यवस्था सुुनिश्चित की जाएं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार माइनिंग सेक्टर में पेपरलेस व्यवस्था की और बढ़ रही है ताकि माइन्स से संबंधित कार्य के लिए किसी को दफ्तरों के चक्कर नहीं लगाने पड़े।

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