मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने रक्षाबंधन पर्व पर शनिवार को मुख्यमंत्री निवास पर वीरागंनाओं, सामाजिक कार्यकर्ताओं, अधिवक्ताओं, चिकित्सकों सहित विभिन्न क्षेत्रों से जुड़ी बहनों एवं स्कूल-कॉलेज छात्राओं से रक्षासूत्र बंधवाया। मुख्यमंत्री ने उपस्थित बहनों को रक्षाबंधन की बधाई देते हुए कहा कि इस त्यौहार का हमारी संस्कृति में बहुत महत्व है। यह भाई-बहन के अटूट रिश्ते का प्रतीक है। हमारे ऐसे त्यौहारों में समरसता और एकरूपता का संदेश निहित होता है। उन्होंने कहा कि हमारी परम्परा और विरासत को आगे बढ़ाने में बहनों का अहम योगदान है। बहनें परिवार में विभिन्न भूमिकाएं निभाते हुए उसे संजोने व संस्कारित करने की जिम्मेदारी निभाती है। इसलिए हमारी संस्कृति में बहनों का स्थान सर्वाेपरि होता है। श्री शर्मा ने कहा कि रक्षाबंधन के इस पावन पर्व पर छोटी और बड़ी बहनों का स्नेह व आशीर्वाद मुझे मिला है। यह मेरे लिए अभेद्य सुरक्षा कवच है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि माता-बहनों के शिक्षित और सशक्त होने से ही देश और प्रदेश उत्कृष्ट बनेगा। उन्होंने कहा कि हमारे देश की नारियों ने अपने महान कार्याें से इतिहास रचा है, उन्होंने छात्राओं से आह्वान किया कि वे भी जीवन में साहसिक रूप से कार्य करते हुए अपने सपनों को पूरा करें। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने उपस्थित बहनों से संवाद किया और उन्हें सम्मानस्वरूप उपहार भेंट किए। इस दौरान चिकित्सा, कानून व्यवस्था व न्याय सहित विभिन्न क्षेत्रों से जुड़ी नारी शक्ति ने राज्य सरकार द्वारा महिला सुरक्षा, सम्मान और सशक्तीकरण हेतु किए जा रहे प्रयासों के लिए मुख्यमंत्री का आभार जताया। मुख्यमंत्री ने वीरांगना बहनों से राखी बंधवाई और उनका विशेष सम्मान किया। इस दौरान प्रजापिता ब्रह्मकुमारिज संस्थान की चन्द्रकला दीदी सहित अन्य प्रतिनिधियों ने भी मुख्यमंत्री और उनकी धर्मपत्नी श्रीमती गीता शर्मा को रक्षासूत्र बांधा। वहीं, स्कूलों में पढ़ने वाली बहनों ने जब अपने नन्हें हाथों से श्री शर्मा को राखी बांधी तो उन्होंने उनके सिर पर हाथ रखकर स्नेहिल आशीर्वाद दिया।