राजस्थान डिस्कॉम्स (जयपुर, जोधपुर और अजमेर विद्युत वितरण निगमों) ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 2 अप्रैल, 2025 को राजस्थान विद्युत नियामक आयोग के समक्ष अपनी टैरिफ याचिकाएं प्रस्तुत की थी, जिस पर नियामक आयोग ने आज निर्णय किया है। लागत और खर्च के बढ़ते दबाव के बावजूद डिस्कॉम्स ने प्रदेश के सभी श्रेणी के विद्युत उपभोक्ताओं के लिए टैरिफ का सरलीकरण करने की कोशिश की है। मल्टीपल चार्जेज कम करके विभिन्न श्रेणियों को एकीकृत करने का प्रयास किया है। इस कदम का उद्देश्य मौजूदा जटिल टैरिफ संरचना को सरल बनाना है। डिस्कॉम ने टैरिफ में संशोधन का प्रस्ताव करते समय उपभोक्ता के हित को तरजीह दी है।
पहली बार डिस्कॉम्स ने लगभग सभी श्रेणियों में विद्युत शुल्क (एनर्जी चार्ज) कम करने का प्रस्ताव दिया। सिर्फ एक श्रेणी (0 से 50 यूनिट तक प्रति माह विद्युत उपभोग करने वाले घरेलू उपभोक्ताओं) के लिए विद्युत शुल्क 4 रूपए 75 पैसे प्रति यूनिट यथावत रखा गया है। डिस्कॉम्स ने जब यह टैरिफ याचिका दायर की थी तब उपभोक्ताओं पर 70 पैसे प्रति यूनिट फ्यूल सरचार्ज देय था। पहली बार डिस्कॉम्स ने फ्यूल सरचार्ज के साथ जोड़कर 0 से 100 यूनिट तक प्रतिमाह उपभोग वाले घरेलू उपभोक्ताओं से 70 पैसे प्रति यूनिट प्रत्तिमाह रेगुलेटरी सरचार्ज प्रस्तावित किया था। इसी तरह अन्य उपभोक्ताओं से फ्यूल सरचार्ज के साथ 1 रूपए प्रति यूनिट रेगुलेटरी सरचार्ज प्रस्तावित किया था।
प्रदेश में घरेलू श्रेणी के लगभग 1 करोड़ 35 लाख उपभोक्ता हैं, जिनमें से 1 करोड़ 4 लाख रजिस्टर्ड घरेलू श्रेणी के उपभोक्ताओं को मुख्यमंत्री निशुल्क बिजली योजना में राजस्थान सरकार सब्सिडी प्रदान कर रही है। इन 1 करोड़ 4 लाख उपभोक्ताओं में से प्रति माह 100 यूनिट तक उपभोग करने वाले 62 लाख उपभोक्ताओं को अपनी बिजली खपत के लिए कुछ भी भुगतान नहीं करना होता है, क्योंकि सब्सिडी की वजह से उनका बिजली बिल शून्य आता है। इन उपभोक्ताओं पर रेगुलेटरी सरचार्ज का भार भी नहीं आएगा। राज्य सरकार इसे वहन करेगी।
वहीं घरेलू श्रेणी के 51 से 150 यूनिट स्लैब में लगभग 35 लाख से अधिक उपभोक्ता हैं। इन उपभोक्ताओं के लिए विद्युत शुल्क 6 रुपये 50 पैसे प्रति यूनिट से घटाकर 6.00 रुपये प्रति यूनिट कर दिया गया है। इस प्रकार इन्हें भी 50 पैसे प्रति यूनिट की राहत दी गई है। घरेलू श्रेणी के 150 से 300 यूनिट स्लैब वाले उपभोक्ताओं के एनर्जी चार्ज में भी 35 पैसे प्रति यूनिट की राहत प्रदान की गई है। याचिका में लघु, मध्यम और वृहद औद्योगिक श्रेणी के लिए विद्युत शुल्क की दरों को एकरूपता प्रदान करने का प्रयास किया गया है। औद्योगिक श्रेणी में विद्युत शुल्क की एक ही दर रखी गई है। वृहद् औद्योगिक श्रेणी में पहले 7 रूपए 30 पैसे प्रति यूनिट विद्युत शुल्क था जिसे 6 रूपए 50 पैसे प्रति यूनिट कर दिया गया है। मध्यम श्रेणी में विद्युत शुल्क दर 7 रूपए प्रति यूनिट थीं। जिसे अब कम करते हए 6 रूपए 50 पैसे प्रति यूनिट कर दिया है। इसी प्रकार स्मॉल औद्योगिक श्रेणी में दो रेट्स थी, 6 रूपए और 6 रूपए 45 पैसे प्रति यूनिट। इसको एकीकृत करते हुए 6 रूपए प्रति यूनिट कर दिया है। इससे औद्योगिक श्रेणी में समान टैरिफ दर को प्रोत्साहन मिलेगा।
कृषि उपभोक्ताओं के लिए विद्युत शुल्क 5 रूपए 55 पैसे प्रति यूनिट है। उसे भी घटाते हुए 5 रूपए 25 पैसे प्रति यूनिट किया है। कृषि उपभोक्ताओं पर रेगुलेटरी सरचार्ज को भी राज्य सरकार वहन करेगी। राज्य में 20 लाख से अधिक कृषि उपभोक्ता हैं।