प्रदेश के प्रमुख धार्मिक स्थलों पर आने वाले तीर्थ यात्रियों के ठहरने के लिए देवस्थान विभाग ओर अधिक सुविधाओं को विकसित करेगा। इसके लिए विभाग पूर्व में संचालित धर्मशालाओं में सुविधाओं के विस्तार के साथ नई धर्मशालाओं के लिए भी व्यापक स्तर पर कार्ययोजना बना रहा है। इसके तहत पुरानी धर्मशालाओं में सुविधाएं तो विकसित की जाएंगी वहीं प्रमुख धार्मिक स्थलों पर अत्याधुनिक नई धर्मशालाओं का भी निर्माण किया जाएगा। इसके लिए देवस्थान विभाग अपनी नीति में संशोधन करेगा। इस संबंध में शासन सचिवालय में मंगलवार को देवस्थान मंत्री जोराराम कुमावत की अध्यक्षता में हुई विभाग की समीक्षा में कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा के बाद सहमति हुई।
समीक्षा में पूर्व संचालित धर्मशालाओं के किराए में बढ़ोतरी करने व बीओटी (बिल्ड ऑपरेट ट्रांसफर) के तहत नई धर्मशालाओं के निर्माण के लिए नई नीति बनाने का निर्णय लिया गया। मंत्री ने अधिकारियों को प्रदेश और अन्य राज्यों के मंदिरों की मरम्मत कार्यों के लिए इसी माह में आवश्यक रूप से डीपीआर बनाने के आदेश भी दिए है।
वरिष्ठजन नागरिक तीर्थयात्रा की लॉटरी अगले सप्ताह-
समीक्षा के दौरान वरिष्ठ नागरिक तीर्थ यात्रा योजना-2025 की लॉटरी इसी माह में निकालने का निर्णय लिया गया। श्री कुमावत ने बताया कि इस बार ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से 10 अगस्त-2025 तक कुल एक लाख 84 हजार 495 वरिष्ठजनों ने आवेदन किए हैं। जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित कमेटी अब अगले सप्ताह जिला स्तर पर पात्र लोगों का चयन करेगी।
चार नई नीतियों पर हुआ मंथन-
समीक्षा में देवस्थान विभाग की ओर से दान नीति, धार्मिक नीति, सह संचालन नीति व किराया नीति में संशोधन को लेकर चर्चा की गई। इसके अलावा देवस्थान विभाग के मंदिरों में धार्मिक आयोजनों को लेकर भी अधिकारियों को दिशा-निर्देश दिए गए। वहीं, ऋषभदेव मंदिर की आरती को ऑनलाइन शुरू करने, गोगामेड़ी मंदिर के पुजारियों को आवास के लिए आवंटित भूमि के निरस्तीकरण, मंदिरों की कृषि योग्य भूमि को ई-ऑक्शन के माध्यम से लीज पर देने, मंदिरों की भूमि का डाटा ऑनलाइन संधारित करने जैसे विषयों पर चर्चा हुई। बैठक में शासन सचिव श्री केके पाठक, देवस्थान विभाग के आयुक्त श्री कन्हैयालाल स्वामी, उप शासन सचिव श्री आलोक सैनी, अतिरिक्त आयुक्त श्री अशोक शर्मा सहित विभाग के अनेक अधिकारी मौजूद रहे।