अराजकता को समाप्त करने वाले अनुशासन के ओजस्वी चेहरे थे भगवान परशुराम -देवनान

0
14

विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी रविवार को कांस्टीट्यूशन क्लब ऑफ राजस्थान के सभागार में सर्व ब्राह्मण महासभा द्वारा आयोजित भगवान परशुराम जन्मोत्सव के पाक्षिक समारोह के समापन उत्सव में सम्मिलित हुए। उन्होंने दीप प्रज्ज्वलित कर समारोह का शुभारंभ किया। श्री वासुदेव देवनानी ने इस अवसर पर कहा कि ब्राह्मणों ने ज्ञान विज्ञान और विद्वता को नई ऊंचाइयां देकर समाज को गौरवशाली दिशा प्रदान की है। इतिहास को देखें तो ब्राह्मणों ने हर क्षेत्र में सक्रिय और सकारात्मक भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि अराजकता को समाप्त करने वाले भगवान विष्णु के छठे अवतार महर्षि परशुराम आत्मविश्वास से ओतप्रोत और अनुशासन के ओजस्वी चेहरे थे। उनका जीवन आततायी शक्तियों के अहंकार के विनाश के लिए समर्पित रहा। इस अवसर पर श्री देवनानी ने ब्राह्मण समाज की विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाली 67 प्रतिभाओं को माला, दुपट्टा पहनाकर और स्मृति चिह्न भेंट कर सम्मानित किया।
श्री देवनानी ने कहा कि ब्राह्मण उच्च कोटि की विद्वता, त्याग, तपस्या और संयम के पर्याय रहे हैं। वेद, आयुर्वेद, ज्योतिष, गणित, खगोल, न्याय जैसी अनेक विधाओं की रचना भी ब्राह्मणों ने ही की है। समाज में शिक्षा का आधार ब्राह्मण रहे हैं। उन्होंने वेदव्यास, आचार्य चाणक्य, महर्षि पतंजलि, भास्कराचार्य, स्वामी विवेकानंद, दयानंद सरस्वती, रविंद्र नाथ टैगोर और बाजीराव बल्लाल भट्ट का उल्लेख करते हुए कहा कि इन विद्वानों के आदर्शों को जीवन में उतारना चाहिए। नई पीढ़ी को भी इन विभूतियों के बारे में बताने के लिए हम सभी को पहल करनी होगी।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here