मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने भ्रष्टाचार और कदाचार के विरूद्ध जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाते हुए राज्य सेवा के अधिकारियों के विरूद्ध लंबित अनुशासनात्मक कार्यवाही और अभियोजन स्वीकृति के 16 विचाराधीन प्रकरणों का निस्तारण किया है। श्री शर्मा ने भ्रष्टाचार निवारण (संशोधन) अधिनियम, 2018 के अंतर्गत 5 प्रकरणों में अभियोजन स्वीकृति प्रदान की और धारा 17-ए के एक प्रकरण में विस्तृत जांच व अनुसंधान की अनुमति प्रदान की है। इसी तरह कार्यस्थल पर महिला उत्पीड़न के प्रकरण में दोषी अधिकारी को सेवा से हटाया गया है। वहीं, पद के दुरूपयोग के साथ राज्य सरकार को वित्तीय हानि पहुंचाने की जांच के एक प्रकरण में आरोपित अधिकारी को राजकीय सेवा से बर्खास्त किया गया है। वहीं सेवानिवृत्त अधिकारियों के पुराने प्रकरणों का निस्तारण करते हुए 9 अधिकारियों की पेंशन रोके जाने की कार्यवाही की गई है और 5 सेवानिवृत्त अधिकारियों के विरूद्ध प्रमाणित आरोपों के जांच निष्कर्ष का अनुमोदन भी किया गया है। इसके अतिरिक्त, सेवारत 3 अधिकारियों के विरूद्ध सीसीए नियम 16 के तहत 2 वार्षिक वेतनवृद्धि संचयी प्रभाव से रोके जाने का निर्णय किया गया है और एक प्रकरण में प्रस्तुत अपील को खारिज करते हुए 17 सीसीए में प्रदत्त दंड को यथावत रखा गया है।