मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि विशेष योग्यजन समाज का अभिन्न अंग है। एक समावेशी और संवेदनशील समाज के निर्माण के लिए विशेष योग्यजन की समान भागीदारी अति आवश्यक है। इसके लिए राज्य सरकार दिव्यांगजनों को केन्द्र में रखकर निरंतर कार्य कर रही है। उन्हें सशक्त बनाने के लिए कृत्संकल्पित है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार पंडित दीनदयाल उपाध्याय व बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर की परिकल्पना अंत्योदय को साकार करने में जुटी हुई है। श्री शर्मा ने प्रदेशवासियों से एकात्म मानववाद और नागरिक कर्तव्यों को निभाते हुए प्रत्येक जरूरतमंद की मदद करने की अपील की।
श्री शर्मा शुक्रवार को जामडोली के सामाजिक न्याय संकुल परिसर में आयोजित ‘विशेष योग्यजन बहन सम्मान दिवस समारोह’ को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने सभी बहनों को रक्षाबंधन की अग्रिम शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह त्यौहार भाई-बहन के पवित्र रिश्ते का प्रतीक है, जो आपसी स्नेह, विश्वास और संरक्षण की भावना को मजबूत करता है। उन्होंने कहा कि आपका ये भाई आप सभी बहनों की सुरक्षा, सम्मान के साथ ही सभी को समान अवसर उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार कई योजनाएं और नवाचारों के माध्यम से महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा दे रही है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा हाल ही में दिव्यांगजनों को समान अवसर उपलब्ध कराने के लिए ’समान अवसर नीति 2025’ लाई गई। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के तहत प्रथम संतान के जन्म के समय दी जाने वाली राशि 5 हजार से बढ़ाकर 6 हजार 500 रुपये की है। इस योजना में दिव्यांग गर्भवती महिला को 10 हजार रुपये दिए जा रहे हैं। हमारी सरकार द्वारा विधवाओं, एकल नारियों तथा दिव्यांग व्यक्तियों को दी जा रही पेंशन को बढ़ाकर 1 हजार 250 रुपये प्रति माह किया गया है।
ना औपचारिकता, ना मंचीय दूरी, सिर्फ आत्मीयता और अपनापन
कार्यक्रम में ना किसी भी तरह की औपचारिकता थी और ना ही मंचीय दूरी। पूरे वातावरण में केवल आत्मीयता और अपनापन का अहसास हो रहा था। जब कार्यक्रम में मुख्यमंत्री को विशेष योग्यजन बहनों ने रक्षा सूत्र बांधा तो उनके स्नेह से सभी भावुक हो गए। कार्यक्रम में लक्ष्मी ने मुख्यमंत्री के समक्ष ‘आ चल के तुझे मैं ले के चलूं एक ऐसे गगन के तले……..’ गीत गाया। इस सरल और अपनेपन से गाए हुए गीत ने सभी के दिल को छू लिया। इस दौरान दिव्यांगजनों ने बैंड वादन और सांस्कृतिक प्रस्तुति देकर सभी का मन मोह लिया।
मुख्यमंत्री ने दिव्यांग बहनों की सुनी मासूम ख्वाहिशें
मुख्यमंत्री ने दिव्यांग बच्चियों को अपने समीप बिठाकर संवाद भी किया। तनु ने कुरकुरे, मिठाई, समोसा खाने की इच्छा व्यक्त की, वहीं पूजा ने घूमने की इच्छा जाहिर की। मुख्यमंत्री ने सभी बहनों की मासूम ख्वाहिशों को पूरा करने का भरोसा दिया। कार्यक्रम के अंत में श्री शर्मा ने दिव्यांगजनों को खीर प्रसादी भी वितरित की।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री श्री अविनाश गहलोत ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में अंत्योदय के लक्ष्य को पूरा किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जामडोली में 200 करोड़ रुपये की लागत से स्वयंसिद्धा सेंटर ऑफ एक्सीलेंस का चरणबद्ध रूप से निर्माण किया जाएगा। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने विशेष योग्यजनों को डिजिटल हियरिंग और लर्निंग किट सौंपी। इससे पहले मुख्यमंत्री ने परिसर में सिंदूर का पौधा लगाया। उन्होंने सभी बालिकाओं से संवाद किया और उन्हें पर्यावरण को संरक्षण करने का संदेश दिया। उन्होंने विशेष योग्यजनों को मोटराइज्ड ट्राइसाइकिल भेंट की। श्री शर्मा ने राजकीय बौद्धिक दिव्यांग गृह के बालक-बालिकाओं द्वारा हस्तनिर्मित सामग्रियों की प्रदर्शनी का अवलोकन कर बच्चों को सराहा। इस दौरान अतिरिक्त मुख्य सचिव सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता श्रीमती अपर्णा अरोडा और निदेशक आशीष मोदी दिव्यांग बहनें मौजूद रही।