खान एवं भूविज्ञान विभाग द्वारा राजस्व बढ़ोतरी के लिए एग्रेसिव रणनीति बनाते हुए रुटिन राजस्व वसूली के साथ ही बकाया राजस्व वसूली व राजस्व के अन्य संभावित स्रोतों पर खास फोकस किया जाएगा। प्रमुख शासन सचिव खान एवं भूविज्ञान टी. रविकान्त ने मंगलवार को खनिज भवन में निदेशक माइंस दीपक तंवर सहित विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ संवाद कर राजस्व बकाया वसूली, डेलिनियेशन से ऑक्शन और एलओआई जारी होने से लेकर ऑक्शन खानों को परिचालन में लाने तक की ठोस रणनीति तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने निर्देश दिए कि विभाग की पुरानी बकाया, जुर्माना राशि बकाया, कोर्ट स्टे को छोड़कर शेष बकाया, कोर्ट स्टे प्रकरणों में प्रभावी पैरवी करते हुए स्टे वैकेट करके राशि वसूली और अवैध खनन गतिविधियों के दौरान जुर्माने की राशि सहित पुरानी व चालू बकाया वसूली के ठोस प्रयास किये जाएं। उन्होंने इस तरह की बकाया राशि की वसूली के एमई एएमई कार्यालयानुसार मासिक कार्ययोजना बनाकर राजस्व अर्जन की पाक्षिक समीक्षा पर जोर दिया।
प्रमुख शासन सचिव ने बताया कि 6 अगस्त तक विभाग द्वारा 2968 करोड़ 11 लाख रुपए का राजस्व अर्जित किया है। उन्होने कहा कि मुख्यमंत्री राज्य के माइंस सेक्टर को देश का अग्रणी सेक्टर बनाने पर जोर देते हुए समग्र फोकस पर जोर दिया जा रहा है ताकि एक्सप्लोरेशन से लेकर ऑक्शन और परिचालन से राजस्थान निवेश, रोजगार और राजस्व संग्रहण में अग्रणी बन सके। इस अवसर पर वित्तीय सलाहकार गिरिश कछारा, ओएसडी श्रीकृष्ण शर्मा, जेएलआर गजेन्द्र सिंह, अधीक्षण खनि अभयंता एनएस शक्तावत, प्रताप मीणा, ओपी काबरा, जय गुरुबख्सानी, डॉ.धर्मेन्द्र लोहार, एसपी शर्मा, एमई आसिफ मोहम्मद अंसारी, अनुज गोयल, दीपक गहलोत और एसीपी जयेश नीनामा सहित वरिष्ठ अधिकारियों ने हिस्सा लिया।