Handicapped News: दिव्यांग सर्वोच्च न्यायालय में वकालत कर रहे हैं —केन्द्रीय मंत्री अमित शाह

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केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा कि जब व्यक्ति अपने जीवन को सेवा कार्यों से जोड़ता है और विशेषकर दिव्यांगों के लिए, तब वह समाज के अन्य व्यक्तियों को भी प्रेरित करता है। जिससे अन्य लोग भी सेवा कार्य से जुड़ते हैं। उन्होंने कहा कि श्रीमती सुशीला बोहरा, पारसमल बोहरा नेत्रहीन महाविद्यालय का लम्बे समय से संचालन कर दिव्यांगों की सेवा कर रही हैं और इस कार्य से समाज के विशिष्ट लोग भी जुड़े हैं। श्री शाह रविवार को जोधपुर के रामराज नगर चौखा में श्री पारसमल बोहरा नेत्रहीन महाविद्यालय के नवीन महाविद्यालय भवन, बॉयज हॉस्टल व गर्ल्स हॉस्टल के शिलान्यास समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि लगभग 15 करोड़ रुपये की लागत से महाविद्यालय में 3 नवीन भवनों का शिलान्यास हुआ है और उन्हें आशा है कि इनका निर्माण कार्य समय से पूर्ण होगा, जिससे दिव्यांग बच्चों के जीवन में उम्मीद का उजियारा आएगा। केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि श्रीमती सुशीला बोहरा ने 5 विद्यालय, 2 महाविद्यालय और निःशुल्क शिक्षा, छात्रावास, भोजन और जरुरतमंदों को ऑडियो बुक्स, रिकॉर्ड लेक्चर्स, ब्रेल प्रिंटिंग प्रेस, स्क्रीन रीडर, कम्प्यूटर लैब तथा पुस्तकालय के माध्यम से सैकड़ों दृष्टिबाधित बच्चों के जीवन में ज्ञान और दृष्टि का प्रकाश प्रसारित किया है। उन्होंने कहा कि यह गर्व का विषय है कि यहां के बच्चे सरकारी बैकिंग व निजी क्षेत्र में काम कर रहे हैं और सर्वोच्च न्यायालय में वकालत भी कर रहे हैं।


इस अवसर पर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार का भी यही ध्येय है कि दिव्यांग भाई-बहनों का जीवन सरल, सहज और स्वाभिमानी हो। उन्होंने अपील करते हुए कहा कि हम सब मिलकर एक ऐसा राजस्थान बनाएं, जहां हर व्यक्ति को सम्मान और अवसर मिले, जहां शिक्षा और स्वावलंबन से हर जीवन रोशन हो और जहां दिव्यांगता कोई कमजोरी नहीं, बल्कि सामर्थ्य की प्रतीक बने।

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