प्रदेश के शहरी क्षेत्रों में कृषि भूमि की रजिस्ट्री कराना अब 20 प्रतिशत तक महंगा हो गया है। इसमें शहरी पेराफेरी क्षेत्र को शामिल किया गया है। वहीं अब तक एक हजार वर्गमीटर क्षेत्रफल की कृषि भूमि पर ही यह लागू था। लेकिन यह पहली बार है, जब सड़क चौड़ाई के आधार पर शुल्क में बढ़ोतरी की गई है। जितनी चौड़ी सड़क, उतनी ही महंगी रजिस्ट्री।
प्रदेश में वित्त विभाग ने एक नोटिफिकेशन जारी कर नई दरें लागू की है। नोटिफिकेशन के अनुसार नगर निगम, नगरपालिका, नगर परिषद, नगर विकास न्यास और विकास प्राधिकरण के पेराफेरी में आने वाली कृषि भूमि शामिल है। प्राप्त जानकारी के अनुसार सरकार ने यह निर्णय कम वैल्यू पर रजिस्ट्री होने से हर साल करोड़ों का नुकसान होने कारण लिया है। सरकार का मानना है कि मानना है कि शहरी क्षेत्र में 2,000 वर्गमीटर तक की कृषि भूमि का उपयोग कृषि कार्य के लिए नहीं किया जाता है। बल्कि आवासीय और वयवसायीक गतिविधियों के लिये उपयोग होता किया जाता है।
नोटिफिकेशन के अनुसार अब निम्न प्रकार से रजिस्ट्री पर शुल्क लगेगा। 40 फीट की सड़क चौडाई पर संबंधित जिला स्तरीय कमेटी शुल्क तय करेगी और 40 फीट से ज्यादा व 60 फीट से कम पर 10 प्रतिशत शुल्क में वृद्धि की है। वहीं 60 फीट से ज्यादा और 100 फीट से कम सड़क होने पर शुल्क में 15 फीसदी की बढ़ोतरी की है और 100 फीट व उससे ज्यादा सड़क चौडाई पर 20 प्रतिशत तक बढ़ोतरी कर शुल्क निर्धारित किया है।