मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के आदेशों की पालना में शिक्षा निदेशक ने एक आदेश में शिक्षकों 18 अक्टूबर से दीपोत्सव अवधि तक रोशनी करनक को कहा है। निदेशक सीताराम जाट ने गुरुवार को आदेश जारी कर कहा है कि स्कूलों में रंगरोगन और सफाई के साथ 18 अक्टूबर से दीपोत्सव अवधि तक सभी विद्यालयों में रोशनी की जाए, ताकि स्कूल आकर्षक व आलोकित नजर आएं।
जबकि शिविरा पंचांग के अनुसार स्कूलों में मध्यावधि अवकाश 13 से 24 अक्टूबर तक है। उपरोक्त आदेश के अनुसार अब गुरूजी स्कूलों में ही दीपोत्सव करते नजर आयेगें।
ये आदेश शिक्षकों के लिये गले की हड्डी बन गया है। जो शिक्षक स्थानिय है उनके लिये तो काई खास नहीं है। लेकिन जो दूर रहते है हैं वो शिक्षक इस आदेश से परेशान हो रहे है। वहीं ऐसे में अवकाश का उद्देश्य भी खत्म हो जाएगा।
जानकारी के अनुसार प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में ज्यादातर चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी और लिपिकों की कमी है। ऐसे में लाइटिंग और सजावट का काम कौन करेगा। शिक्षकों का मानना है कि यह व्यवस्था व्यावहारिक नहीं है। अगर पांच दिन दीपोत्सव के दौरान स्कूल जाना होगा, तो शिक्षक अपने परिवार के साथ त्योहार कैसे मनाएंगे?