खान विभाग के प्रमुख सचिव टी. रविकान्त ने कहा है कि बड़े राजस्व लक्ष्य को प्राप्त करना बड़ी चुनौती है पर इसे समन्वित प्रयासों से अर्जित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि 26 अक्टूबर तक विभाग द्वारा गत वित्तीय वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 115 करोड़ रुपए अधिक राजस्व संग्रहित करते हुए 4866 करोड़ 17 लाख रुपए का राजस्व संग्रहित किया जा चुका है। वित्तीय वर्ष के आगामी माहों में हमें राजस्व छीजत रोकने, अधिक से अधिक राजस्व वसूल करने और माइनिंग सेक्टर में राजस्व वसूली के लक्ष्य को अर्जित करने संकल्प के साथ आगे बढ़ना होगा। गत वित्तीय वर्ष में इस अवधि तक 4751 करोड़ 57 लाख रुपए का राजस्व जमा हुआ था।
प्रमुख सचिव ने मंगलवार को सचिवालय में कहा कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा माइनिंग सेक्टर में राजस्थान को अग्रणी प्रदेश बनाने और नित नए आयाम स्थापित करने पर जोर देते रहे हैं। उन्होंने निदेशालय सहित फील्ड अधिकारियों को मोनेटरिंग और एनालिसिस सिस्टम को और अधिक मजबूत करने के निर्देश दिए। किन्ही कारणों से अभी तक जहां आरसीसी-ईआरसीसी ठेके नहीं हो पाये हैं वहां कम राजस्व वसूली पर चिंता व्यक्त करते हुए उन्होंने विभागीय मशीनरी को चाकचोबंद करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि अधिकारियों को रुटिन के काम के साथ ही सस्टेनेबल माइनिंग, माइनिंग प्लान के अनुसार माइनिंग, सुरक्षा मानकों की पालना सहित माइनिंग लीजों में हो रहे खनिज उत्पादन का विश्लेषण भी करना चाहिए कि पहले से कम या ज्यादा उत्पादन हो रहा है तो उसके क्या कारण है? उत्पादन के अनुसार रायल्टी आदि जमा हो रही है या नहीं और इसके साथ ही अवैध खनन गतिविधियों पर सख्ती से कार्रवाई करने में कोताही नहीं बरती जाए।
श्री रविकान्त ने स्पष्ट निर्देश दिए कि अतिरिक्त निदेशकों और अधीक्षण अभियंताओं का दायित्व है कि वे अपने स्तर पर नियमित समीक्षा करे और आवश्यकतानुसार अधीनस्थ अधिकारियों को मार्गदर्शन, सहयोग और समन्वय बनाएं ताकि बेहतर परिणाम प्राप्त हो सके। उन्होेंने माइनर मिनरल ब्लॉकों के डेलिनियेशन से लेकर ऑक्शन के कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए।
संयुक्त सचिव माइंस अरविन्द सारस्वत ने ई-फाइलिंग निष्पादन में समय सीमा कम करने, विधानसभा प्रश्नों के उत्तर भिजवाने, विभाग से संबंधित समाचारों पर आवश्यकतानुसार टिप्पणी भिजवाने, मुख्यमंत्री कार्यालय सहित अन्य पत्रों के तत्काल उत्तर भिजवाने की आवश्यकता प्रतिपादित की।




