मरिजों के लिये वरदान लाइफलाइन मेडिकल और ड्रग स्टोर ने अब घोटाले से दम तोड़ दी। ने सवाई मानसिंह अस्पताल परिसर में संचालित यह सुविधा में हुये घोटाले को लेकर भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो में एफआइआर दर्ज हुई है। ब्यूरो की प्राथमिक जांच में बताया गया है कि वर्ष 2011 से 2019 के बीच निजी फर्मों से दवाओं की विलंबित आपूर्ति पर लगने वाली मैंडेटरी पेनल्टी की वसूली जानबूझकर नहीं की गई। इससे सरकार को करोड़ो का नुकसान हुआ। मामले का खुलासा SMS अस्पताल के विभागाध्यक्ष न्यूरोसर्जन मनीष अग्रवाल को रिश्वत प्रकरण में पकड़े जाने के बाद जांच में हुआ। वहीं वर्ष 2019 में लाइफलाइन स्टोर में लगी आग को भी इस घोटाले से जोड़ा जा रहा है। संदेह है कि यह आग रिकॉर्ड नष्ट करने के लिये तो नहीं लगाई गई। जांच में तत्कालीन फार्मासिस्ट सुनील कुमार मीणा और वरिष्ठ सहायक मदन लाल बैरवा ने मिलीभगत पाई गई। इन दोनो ने सॉफ्टवेयर में एमडी पेनल्टी की एंट्री नहीं की। इससे निजी फर्मों को अनुचित लाभ पहुंचा। एफआइआर में दोनों कर्मचारियों पर पद का दुरुपयोग कर राज्य सरकार को आर्थिक हानि पहुंचाने का आरोप दर्ज है।




