पशुपालन, गोपालन और मत्स्य विभाग के शासन सचिव डॉ. समित शर्मा ने सोमवार को पशुधन स्थित सभागार में विभागीय अधिकारियों के साथ योजनाओं की समीक्षा की। समीक्षा में विभागीय योजनाओं की प्रगति और आगामी कार्य योजना पर विस्तृत चर्चा की गई। शासन सचिव ने विभागीय अधिकारियों से जमीनी स्तर पर चल रही योजनाओं की वास्तविक स्थिति की जानकारी लेते हुए पशुपालकों को समयबद्ध और गुणवत्तापूर्ण सेवाएं उपलब्ध कराने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पशुपालकों की आय बढ़ाने और आधुनिक पशुपालन सेवाएं सुलभ कराने के लिए निरंतर प्रभावी कदम उठा रही है। इस दौरान विभाग की ऑनलाइन सेवा पोर्टल, हेल्पलाइन और सूचना संप्रेषण व्यवस्थाओं की प्रगति की समीक्षा की गई। शासन सचिव ने कहा कि तकनीक आधारित सेवाओं से पारदर्शिता बढ़ती है और पशुपालकों को त्वरित सहायता मिलती है, इसलिए इन सेवाओं के साथ साथ योजनाओं के व्यापक प्रचार—प्रसार पर विशेष ध्यान दिया जाए और पूरी तैयार के साथ इस काम को पूरा किया जाए।
शासन सचिव ने कहा विभाग के पूर्ण डिजिटलाइजेशन की दिशा में अधिकारी काम करें। इससे काम को गति तो मिलेगी ही, काम में पारदर्शिता भी आएगी। उन्होंने कहा कि विभाग के सभी कार्मिकों को व्यक्तिगत कार्य आवंटित किया जाए और उनकी कार्ययोजना तथा प्रगति की निरंतर मॉनिटरिंग की जाए। इसके लिए उन्होंने अधिकारियों को विभाग का डिजिटलाइजेशन करने की दिशा में गंभीर प्रयास करने के निर्देश दिए।
डॉ. शर्मा ने चल रहे टीकाकरण अभियानों विशेषकर संक्रामक रोगों की रोकथाम संबंधी गतिविधियों की अद्यतन प्रगति की समीक्षा करते हुए कहा कि जिलों में समुचित मॉनिटरिंग और निगरानी व्यवस्था को और मजबूत किया जाए। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि आवश्यक दवाओं और वैक्सीन की उपलब्धता हर स्तर पर और हर हाल में सुनिश्चित रहे। समीक्षा के दौरान सचिव ने प्रदेश में पशु स्वास्थ्य सेवाओं की सुगमता सुनिश्चित करने के लिए फील्ड स्तर पर त्वरित कार्रवाई, मोबाइल वेटरनरी यूनिट्स के प्रभावी संचालन और पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रमों की गति तेज करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि विभागीय योजनाओं का समयबद्ध क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाए ताकि अधिक से अधिक पशुपालक लाभान्वित हो सकें। सचिव ने अनुशासनहीनता या काम के प्रति उदासीनता दिखा रहे कार्मिकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई जल्द से जल्द करने के निर्देश दिए।




