Rajasthan News: प्रदेशभर में 14 हजार 500 से अधिक जल संरचनाओं के निर्माण से जल क्षेत्र को मिल रही गति

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‘कर्मभूमि से मातृभूमि’ अभियान प्रदेश में जल के संरक्षण, संवर्धन और पुनर्भरण की दिशा में अहम भूमिका निभा रहा है। मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा के मार्गदर्शन में संचालित इस अभियान में प्रदेश में लगभग 14 हजार 500 से अधिक जल संरक्षण संरचनाओं के निर्माण से वर्षा जल को सहेजने की परम्परा को प्रोत्साहन देने के साथ ही, राजस्थान को जल क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के संकल्प को गति मिल रही है। अभियान का प्रमुख उद्देश्य कर्मभूमि में निवास कर रहे प्रवासी राजस्थानियों को अपनी मातृभूमि में जल संरक्षण के कार्यों में समर्पित रूप से प्रोत्साहित करना है। इसके अन्तर्गत प्रवासी राजस्थानियों, भामाशाहों, क्राउड फण्डिंग और कॉरपोरेट सोशल रिस्पोन्सिबिलिटी (सीएसआर) के सहयोग से 4 वर्षाे में लगभग 45,000 रिचार्ज, जल संरक्षण संरचनाओं के निर्माण का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
इस वर्ष जनवरी में प्रदेश के 41 जिलों की 11,195 ग्राम पंचायतों में प्रारम्भ हुए इस अभियान ने अल्प समय में ही महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की हैं। प्रदेशभर में ग्राम विकास अधिकारियों ने ई-पंचायत मोबाईल एप के माध्यम से 42,081 रिचार्ज स्थलों का चयन किया, जिनमें से अब तक 14 हजार 500 से अधिक भूजल रिचार्ज-जल संरक्षण संरचनाओं का निर्माण भी हो चुका हैं।
उल्लेखनीय है कि भू-जल स्तर में सुधार के साथ-साथ आमजन को जागरूक करने के उद्देश्य से ‘कर्मभूमि से मातृभूमि‘ अभियान शुरू किया गया हैै। इसके प्रमुख उद्देश्यों में जल स्रोतों की स्थिरता और पुर्ननिर्माण के लिए सामूहिक प्रयासों को बढ़ावा देना, वर्षा जल संचय को प्रोत्साहित करने के साथ ही अकार्यशील हैंडपंप, सूखे कुएं और नलकूप के माध्यम से भूजल पुर्नभरण को बढ़ावा देने वाली गतिविधियां शामिल हैं।

अभियान की प्रभावी मॉनिटरिंग के लिए मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में समिति गठित:—
अभियान के सुचारू संचालन और प्रभावी मॉनिटरिंग के लिए मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में 31 सदस्यीय राज्य ‘कर्मभूमि से मातृभूमि’ अभियान समिति गठित की गई है। विभिन्न विभागों में प्रभावी समन्वय, कन्वर्जेंस, योजना के क्रियान्वयन में आ रही कठिनाईयाों के निराकरण और योजना की प्रगति की मॉनिटरिंग के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में 20 सदस्यीय ‘राज्य स्तरीय निर्देशन समिति’ बनाई गई है। वहीं, जिला स्तर पर कलेक्टर की अगुवाई में 17 सदस्यीय ‘जिला स्तरीय समिति’ का गठन किया गया है। अभियान का नोडल भू-जल विभाग है। इस अभियान के अतिरिक्त, मुख्यमंत्री के नेतृत्व में इस वर्ष प्रदेशभर में ‘वंदे गंगा जल संरक्षण-जन अभियान’ संचालित किया गया, जिसने जल संरक्षण और संचयन के कार्यों को नई दिशा दी। इसके तहत जलाशयों की मरम्मत, सफाई, जल निकासी व्यवस्था में सुधार, अतिक्रमण हटाना, बांध क्षेत्रों में श्रमदान, पौधारोपण, जल संग्रहण और जल संरक्षण संरचनाओं सम्बंधित कार्य किए गए।

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