Politics News: गहलोत निकला असली “पेपर चोर” —एसओजी को करनी होगी “पूछताछ”

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-महेश झालानी

राजस्थान की राजनीति का सबसे बड़ा भर्ती घोटाला अब परत-दर-परत खुल चुका है। यह केवल कुछ दलालों और अफसरों का खेल नहीं था, बल्कि इसकी जड़ें सीधे सत्ता के शिखर तक जुड़ी हुई थीं। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत इस पूरे फर्जीवाड़े के असली सरगना साबित हुए। उन्होंने राजनीतिक सौदेबाजी और निजी स्वार्थ के लिए राजस्थान लोक सेवा आयोग को अपनी राजनीतिक मंडी बना डाला।
गहलोत ने बाबूलाल कटारा, जसवंत राठी, कवि कुमार विश्वास की पत्नी मंजू शर्मा, कांग्रेस प्रत्याशी और पूर्व मुख्य सचिव निरंजन आर्य की पत्नी संगीता आर्य को आयोग का सदस्य बनाया। इतना ही नहीं, अपने पूर्व मुख्य सुरक्षा अधिकारी रहे संजय श्रोत्रिय को आरपीएससी का अध्यक्ष नियुक्त कर भर्ती परीक्षाओं में भ्रष्टाचार का दरवाजा पूरी तरह खोल दिया। इन नियुक्तियों ने आयोग को मेरिट और निष्पक्षता का मंदिर न बनाकर माफियाओं और राजनीतिक सौदागरों का अड्डा बना दिया ताकि वे मनमाने तरीके से बेरोजगारों को बेरहमी से लूट सके ।
लेकिन सच हमेशा छिपा नहीं रह सकता। गहलोत ने जिस एडीजी अशोक राठौड़ को एसओजी का मुखिया बनाया, उन्होंने पेपर माफिया पर कार्रवाई करने की बजाय उन्हें बचाने का काम किया। राठौड़ की यह निष्क्रियता और मिलीभगत घोटाले को और गहरा करती रही। यदि वे पूरी ईमानदारी और समर्पण भाव से अपनी ड्यूटी निभाते तो बेरोजगारों का इतना कीमती वक्त बर्बाद नही होता ।
इसके ठीक उलट वीके सिंह ने कर्मठता और ईमानदारी का परिचय देते हुए परत-दर-परत पूरी साजिश को बेनकाब किया। सिंह ने आरपीएससी के सदस्य बाबूलाल कटारा, रामूराम रायका, उनके पुत्र-पुत्री और 58 फर्जी तरीके से एसआई परीक्षा पास करने वालों को पकड़कर यह साबित कर दिया कि यह महज़ कुछ दलालों का खेल नहीं बल्कि सत्ता-प्रायोजित संगठित लूट थी। जांच इसी तरह चलती रही तो गहलोत से जुड़े कई ओएसडी, चमचो और दलालो के भी कारनामें उजागर होंगे ।
यहीं पर उच्च न्यायालय का हस्तक्षेप निर्णायक साबित हुआ। अदालत ने पूरे प्रकरण का संज्ञान लेते हुए सब इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा को निरस्त कर तत्कालीन गहलोत सरकार के मंसूबों पर पानी फेर दिया। यह फैसला न केवल युवाओं के पक्ष में आया बल्कि इसने साफ कर दिया कि न्यायपालिका अभी भी भ्रष्ट राजनीतिक तंत्र से ऊपर खड़ी है।
विडंबना देखिए। गहलोत, जो भाजपा पर “वोट चोरी” का आरोप लगाते रहे, वही सत्ता में रहकर “पेपर चोरी” के मुख्य सरगना निकले। उन्होंने बेरोजगार युवाओं का भविष्य नीलाम कर दिया और कांग्रेस पार्टी की राष्ट्रव्यापी साख धूल में मिला दी। क्या कुर्सी के लिए कोई व्यक्ति इतना नीचे भी गिर सकता है क्या ? नैतिकता (जो पहले ही बेच चुके थे) को ताक में रखकर भ्रस्टाचार और बेईमानी का नंगा नाच करते हुए राजस्थान लोक सेवा आयोग की गौरवशाली परम्परा को बुरी तरह से चकनाचूर कर दिया ।
आज सवाल यह है कि क्या कांग्रेस पार्टी में इतनी नैतिकता बची है कि वह अपने पूर्व मुख्यमंत्री को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा सके? जब तक पेपर चोरों के असली गुनहगार को बाहर नहीं किया जाता, तब तक कांग्रेस ईमानदारी और नैतिकता का दावा करने का हक खो देती है। एक तरफ राहुल गांधी और उनकी पार्टी ईमानदारी की पैरवी करती है। दूसरी ओर गहलोत सरीखे राजनेता चोर-उचक्कों के सबसे बड़े शरणदाता बनकर उभरे है।
गहलोत की राजनीतिक महत्वाकांक्षा और संरक्षण ने राजस्थान के लाखों युवाओं के सपने छीन लिए। अब, उच्च न्यायालय के इस ऐतिहासिक फैसले ने साफ कर दिया है कि सच्चाई चाहे कितनी भी दबाई जाए, अंततः जीत न्याय और युवाओं के अधिकार की ही होगी। न्यायालय के इस फैसले के बाद लोगो का न्याय प्रणाली में भरोसा पुख्ता हुआ है। चन्द राजनेता अपने चहेतों को इसलिए जज बनाते है ताकि वे मनमाफिक फैसला करवा सके। लेकिन अब यह धारणा ध्वस्त होकर रह गई है ।
चर्चा है कि आईपीएस के वरिष्ठ अधिकारियों की आने वाली तबादला सूची में वीके सिंह का भी नाम है। यदि सिंह को एसओजी से हटाकर अन्यत्र लगा दिया गया तो जनता में गलत मेसेज जाएगा। जनता कयास लगाने में देरी नही करेगी कि पेपर लीक माफिया और भ्रस्ट राजनेताओ के दबाव की वजह से वीके सिंह को एसओजी से हटाया गया है। जब तक ऑपरेशन पूरा नही हो जाता, तब तक सिंह का एसओजी में नियुक्त रहना श्रेयष्कर होगा ।
अब मुख्यमंत्री भजनलाल को चाहिए कि हर दोषी को कठोरतम सजा दी जाए। चाहे पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत हों या पावरफुल गठजोड़, किसी के लिए कोई रियायत नहीं। लाखों युवाओं का भविष्य, राज्य की साख और न्याय के नाम पर अब बेधड़क, निर्णायक व त्वरित कार्रवाई जरूरी है। राजस्थान की परीक्षा व्यवस्था को शुद्ध करने के लिए मुख्यमंत्री को त्वरित, स्थायी और कठोर सजा का उदाहरण पेश करना होगा, ताकि भविष्य में कोई सत्ता-माफिया युवाओं के सपनों से खेलने की जुर्रत न कर सके। निश्चित रूप से भजनलाल ऐसा करेंगे, प्रदेश की जनता को अब उन पर दृढ़ भरोसा होगया है ।

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