Animal Husbandry News: पशुपालन विभाग की राज्य स्तरीय समीक्षा हुई संपन्न, अधिकारियों को अच्छे कार्य पर प्रशस्ति पत्र और लापरवाही पर मिलेगी चार्ज शीट

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शासन सचिव पशुपालन, गोपालन और मत्स्य डॉ. समित शर्मा ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2025-26 के बजट घोषणाओं के लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए क्रियान्विति की गति बढाते हुए विभाग के अधिकारी काम करें। उन्होंने राज्य बजट घोषणाओं में विभाग की प्रगति और उपलब्धियों की समीक्षा की। शासन सचिव गुरुवार को सचिवालय स्थित सम्मेलन कक्ष में वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित विभागीय योजनाओं की समीक्षा कर रहे थे। राज्य स्तरीय समीक्षा में पशुपालन निदेशक और आरएलडीबी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. आनंद सेजरा, पशुपालन विभाग के अतिरिक्त निदेशक डॉ. सुरेश मीना, डॉ. प्रवीण सेन, डॉ. विकास शर्मा, डॉ. ओमप्रकाश बुनकर सहित विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। संभाग के अतिरिक्त निदेशक, जिलों के संयुक्त निदेशक सहित वरिष्ठ पशु चिकित्साधिकारी समीक्षा के दौरान वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े।
समीक्षा में मुख्यमंत्री मंगला पशु बीमा योजना, मोबाइल वेटरीनरी यूनिट, कॉल सेंटर व चैटबॉट के संचालन और प्रभावी पर्यवेक्षण, लंपी स्किन डिजीज, अन्य टीकाकरण, दवाईयों की समय पर उपलब्धता, सेक्स सॉर्टेड सीमन और केपीआई सहित अन्य विभिन्न मुद्दों पर अधिकारियों ने पीपीटी के माध्यम से प्रस्तुति दी और उन पर विस्तार से चर्चा हुई।
डॉ. शर्मा ने कहा कि अनेक योजनाओं में अच्छा कार्य हुआ है लेकिन मंगला पशु बीमा योजना, टीकाकरण, कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम और अस्पतालों में आउटडोर व सर्जिकल प्रोसीजर्स की स्थिति अनेक जिलों में अत्यंत गंभीर है। जिन अधिकारियों और कर्मचारियों ने अच्छा कार्य किया है उन्हें प्रशस्ति पत्र जारी करने के निर्देश शासन सचिव ने दिए। उन्होंने विभिन्न योजनाओं और कार्यक्रमों की समीक्षा करते हुए कम प्रगति वाले जिलों को चिन्हित कर उनके उत्तरदायी अधिकारियों के विरूद्ध आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए जिसके फलस्वरूप पशुपालन विभाग के निदेशक डॉ आनंद सेजरा ने कृत्रिम गर्भाधान के क्षेत्र में 11 जिलों को, टीकाकरण के लिए 10 जिलों को, मुख्यमंत्री मंगला पशु बीमा योजना के लिए 9 जिलों को व 4 जिलों को मोबाइल वेटरिनरी यूनिट के क्षेत्र में निम्न प्रदर्शन के लिए तत्काल प्रभाव से नोटिस जारी कर दिए हैं।
इस अवसर पर विभाग के निदेशक डॉ. आनंद सेजरा ने सभी जिलों के संयुक्त निदेशकों से मासिक प्रगति रिपोर्ट निर्धारित सॉफ्टवेयर मेें ही भिजवाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि जिलों में उपलब्ध संसाधनों का बेहतर उपयोग करते हुए अधिकाधिक पशुपालकों को लाभान्वित करने के प्रयास किए जाएं।

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