केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 160 साल पुराने कानूनों को समाप्त कर भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम लाए हैं। इन तीन नए कानूनों की पूर्ण क्रियान्विति से आपराधिक न्याय प्रणाली में बड़ा बदलाव आएगा। उन्होंने कहा कि ये नए कानून दण्ड के स्थान पर न्याय से प्रेरित है। इनसे नागरिकों को समय पर सुलभ तरीके से न्याय सुनिश्चित हो सकेगा।
केन्द्रीय गृहमंत्री ने कहा कि लोकप्रिय मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में राज्य सरकार ने प्रदेश के विकास को गति देने के लिए राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट के अन्तर्गत बेहतरीन काम किया है। समिट में 35 लाख करोड़ रुपये के एमओयू हस्ताक्षरित हुए, जिनमें से तीन लाख करोड़ के एमओयू का कार्य पूर्व में धरातल पर शुरू हो चुका है। वहीं आज लगभग चार लाख करोड़ रुपये से अधिक का भूमि पूजन हुआ है। श्री शाह ने कहा कि हम जो कहते हैं, वो करते हैं। मुख्यमंत्री के नेतृत्व में इतने कम समय में 7 लाख करोड़ रुपये के एमओयू जमीन पर उतरे हैं। यह बहुत बड़ी उपलब्धि है।
श्री शाह सोमवार को जेईसीसी, सीतापुरा में तीन नए आपराधिक कानूनों पर आधारित ‘नव विधान – न्याय की नई पहचान‘ प्रदर्शनी के शुभारंभ समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि नए कानून नागरिकों के संवैधानिक अधिकारों को सुलभ और सुगम बनाते है। केन्द्रीय गृह मंत्रालय इन कानूनों की क्रियान्विति सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रहा है। उन्होंने आमजन से आह्वान किया कि तीन नए कानूनों पर राज्य सरकार द्वारा संचालित प्रदर्शनी का आवश्यक रूप से अवलोकन करें।
राजस्थान में सजा दिलाने की दर बढ़ी, 60 प्रतिशत पहुंची—
श्री शाह ने कहा कि तीन नए कानूनों के लागू होने के बाद राजस्थान में अपराधियों को सजा दिलाने की दर में अभूतपूर्व प्रगति हुई है। एक वर्ष के समय में सजा दिलाने की दर 42 प्रतिशत से बढ़कर 60 प्रतिशत पहुंच गई है। इसे हम 90 प्रतिशत तक लेकर जाएंगें।
ईज ऑफ जस्टिस में बड़ा परिवर्तन—
केन्द्रीय गृहमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ने ईज ऑफ लिविंग के लिए देश में कई परिवर्तन किए हैं और इन नए कानूनों के माध्यम से देशभर में ईज ऑफ जस्टिस में भी बड़ा परिवर्तन होगा। उन्होंने कहा कि इन कानूनों में महिलाओं, बच्चों के साथ-साथ ई-एफआईआर और जीरो एफआईआर के प्रावधान भी शामिल किए गए हैं। साथ ही, 7 साल से अधिक की सजा वाले अपराधों में फॉरेन्सिक जांच को अनिवार्य किया गया है। उन्होंने कहा कि इनमें आतंकवाद, मॉब लिंचिंग, डिजिटल अपराध की पहली बार व्याख्या भी की गई है।
दुनिया में सबसे आधुनिक होगी भारत की आपराधिक न्याय प्रणाली —
उन्होंने कहा कि तीन नए कानून 21वीं सदी के सबसे बड़े रिफॉर्म्स हैं। इनके पूर्ण क्रियान्वयन के बाद भारत की आपराधिक न्याय प्रणाली दुनिया की सबसे आधुनिक न्याय प्रणाली होगी। उन्होंने कहा कि इन कानूनों के लागू होने के बाद विभिन्न अपराधों में चार्जशीट दायर करने की दर 50 प्रतिशत पहुंच गई हैं जिसे हम 90 प्रतिशत तक पहुंचाएंगे। उन्होंने कहा कि वर्ष 2027 के बाद जो भी एफआईआर दर्ज होगी उसमें तीन साल के भीतर न्याय भी सुनिश्चित होगा।
किसान एनएएफईडी (नाफेड), एनसीसीएफ पर करे पंजीकरण, केन्द्र सरकार एमएसपी पर दलहन की करेगी खरीद
श्री शाह ने आमजन से आह्वान किया कि वे दीपावली महोत्सव के दौरान अधिक से अधिक स्वदेशी वस्तुओं की खरीद करें। साथ ही, उन्होंने प्रदेश के किसानों से अपनी दलहन की फसलों पर एनएएफईडी (नाफेड) और एनसीसीएफ के माध्यम से पंजीकरण करने का आह्वान भी किया जिससे केन्द्र सरकार द्वारा उनकी दलहन को एमएसपी की दरों पर खरीदा जा सके।
नए कानूनों में पीड़ितों के अधिकारों को प्राथमिकता —
मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने नए कानूनों से देश को औपनिवेशिक मानसिकता की बेड़ी से मुक्त किया। ये तीन नए कानून स्वतंत्र भारत के इतिहास में क्रांतिकारी कदम हैं। उन्होंने कहा कि पीड़ितों के अधिकारों को इन कानूनों में प्राथमिकता दी गई है जिससे पीड़ितों को त्वरित न्याय और सम्मान मिल सकेगा। महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा के लिए भी इन कानूनों में विशेष प्रावधान किए गए हैं। श्री शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा इन नए कानूनों को प्रभावी रूप से लागू करने के क्रम में पुलिस विभाग, न्यायिक अधिकारियों और प्रशासनिक तंत्र को इन नए कानूनों का व्यापक प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
प्रदेश में पुलिस व्यवस्था बन रही आधुनिक और सशक्त—
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में कानून का राज स्थापित करने और अपराधियों पर ठोस कार्यवाही करने के क्रम में राज्य सरकार ने पुलिस व्यवस्था को आधुनिक और सशक्त बनाने के लिए कई क्रांतिकारी कदम उठाए हैं। हमने एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स और एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स का गठन किया है। साथ ही, 22 नए पुलिस थाने बनाये और 35 नई पुलिस चौकियों को खोलने की स्वीकृति दी। उन्होंने कहा कि राज्य में 65 एंटी रोमियो स्क्वाड, तीन महिला बटालियन पद्मिनी, काली बाई, अमृता देवी, महिलाओं और बालिकाओं की सुरक्षा के लिए 500 कालिका पेट्रोलिंग यूनिट बनाई गई हैं।
एक वर्ष से कम समय में 7 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव धरातल पर—श्री शर्मा ने कहा कि राइजिंग राजस्थान समिट के दौरान प्राप्त निवेश प्रस्तावों में 7 लाख करोड़ रूपये के प्रोजेक्ट पर काम एक वर्ष से भी कम समय में शुरू हो गया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार लगभग 92 हजार युवाओं को विभिन्न सरकारी पदों पर नियुक्ति दे चुकी है तथा लगभग 1 लाख 54 हजार पदों पर भर्ती प्रक्रिया विभिन्न चरणों में है।
उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश श्री संजीव प्रकाश शर्मा ने कहा कि तीन नए आपराधिक न्याय कानूनों से भारतीय न्याय प्रणाली अधिक गतिशील एवं आधुनिक बनी है। राजस्थान उच्च न्यायालय द्वारा इन नए आपराधिक कानूनों के अन्तर्गत नियम और अधिसूचना जारी करके इनका क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जा रहा है। ये नए कानून केवल दण्ड देने के लिए नहीं, बल्कि समाज को राह दिखाने का माध्यम बनेंगे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा इस संबंध में लगाई जा रही प्रदर्शनी जन जन तक इन कानूनों की जानकारी पहुंचाने में उपयोगी साबित होगी। पुलिस महानिदेशक श्री राजीव कुमार शर्मा ने कहा कि इन नए कानूनों से देश में न्याय प्रणाली दंड की अवधारणा से न्याय की अवधारणा की ओर बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री भजन लाल शर्मा के नेतृत्व में राजस्थान पुलिस इन कानूनों का प्रभावी क्रियान्वयन के लिए प्रतिबद्ध है।