मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि राजस्थान पर्यटन, निवेश और औद्योगिक विकास की राह पर तेजी से आगे बढ़ रहा है। राज्य सरकार की निवेश अनुकूल नीतियों के साथ-साथ प्रभावी सिंगल विंडो क्लियरेंस सिस्टम से प्रदेश में पर्यटन से संबंधित निवेश प्रक्रियाएं सुगम हुई हैं। उन्होंने निवेशकों से प्रदेश में अधिक-से-अधिक निवेश का आह्वान करते हुए कहा कि राज्य सरकार उन्हें हर संभव सुविधाएं सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। श्री शर्मा गुरुवार को एक निजी होटल में प्रवासी राजस्थानी दिवस के क्रम में आयोजित पर्यटन विभाग की प्री-समिट को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि यह आयोजन राजस्थान को वैश्विक पर्यटन मानचित्र पर एक प्रमुख केंद्र के रूप में स्थापित करने की हमारी सामूहिक प्रतिबद्धता का प्रतीक है। ऐसे आयोजनों के माध्यम से न केवल प्रवासी राजस्थानियों को अपनी मातृभूमि से भावनात्मक रूप से जुड़ने का अवसर मिलता है, बल्कि उन्हें राज्य के विकास में सहभागिता का भी मौका मिलता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्यटन के आधारभूत ढांचे को और सुदृढ़ करने के लिए राज्य सरकार शीघ्र नई पर्यटन नीति लाएगी। इसके अंतर्गत पर्यटक सुविधाओं, मार्केटिंग और प्रमोशन, मेले व त्योहार, डिजिटल व एआई, कौशल विकास, युवाओं को रोजगार और निवेश के कार्य पर पूरी प्रतिबद्धता के साथ कार्य किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस नीति की अनुपालना सुनिश्चित करने के लिए एक समर्पित नीति कार्यान्वयन इकाई भी स्थापित की जाएगी। श्री शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार ने पर्यटन और हॉस्पिटलिटी सेक्टर को उद्योग का दर्जा प्रदान किया है। यह हमारी पर्यटन क्षेत्र को प्रोत्साहित करने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार राजस्थान फिल्म पर्यटन प्रोत्साहन नीति के माध्यम से फिल्मों के निर्माण को प्रोत्साहित कर रही है। इसके अंतर्गत निर्माताओं को 2 करोड़ रुपये तक की सब्सिडी उपलब्ध कराई जा रही है। राजकीय भवनों और सार्वजनिक स्थलों पर शूटिंग शुल्क में भी राहत दी गई है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार नई फिल्म पर्यटन प्रोत्साहन नीति भी लेकर आएगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने सांस्कृतिक धरोहर और पर्यावरण-अनुकूल पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए 5 हजार करोड़ रुपये का राजस्थान टूरिज्म इंफ्रास्ट्रक्चर एंड कैपेसिटी बिल्डिंग फंड गठित किया है। वहीं, मुख्यमंत्री कौशल विकास कार्यक्रम के माध्यम से 20 हजार युवाओं और लोक कलाकारों को गाइड, हॉस्पिटैलिटी और पारंपरिक कलाओं में प्रशिक्षण दिया जाएगा।




