सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को टीएन गोडावर्मन मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि राजस्थान में माइनिंग लॉबी हावी है। इस दौरान राज्य सरकार ने रणथम्भौर से जुड़े बिंदुओं पर जवाब देने के लिए समय मांगा। दूसरी और सेंट्रल एम्पावर्ड कमेटी (सीईसी) ने कोर्ट में अंतिम रिपोर्ट पेश करने के लिए ओर समय की मांग की है। वहीं मामले की सुनवाई अब 8 अक्टूबर को होगी। पर्यावरणविद गौरव कुमार बंसल की ओर से दायर याचिका के अनुसार रणथम्भौर में भारी मात्रा में अवैध खनन, अतिक्रमण और होटल-रेस्टोरेंट जैसे अवैध निर्माण की भरमार हैं। सेंट्रल एम्पावर्ड कमेटी ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि रणथम्भौर अभयारण्य क्षेत्र में कोर एरिया और बफर जोन में अवैध खनन हो रहा है और अवैध व्यावसायिक निर्माण व अतिक्रमण भी हावी है। वहीं क्षेत्र में स्थित त्रिनेत्र गणेश मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी आवाजाही हो रही है व ईको सेंसेटिव जोन की अधिसूचना में भी देरी की जा रही है। ईको सेंसेटिव जोन में होटल और फार्म हाउस का निर्माण हो रहा है। जिससे प्राचीन स्मारकों के संरक्षण में समस्या आ रही है। इन सभी कारणों से इंसानों और वन्यजीवों का आमना-सामना भी हो रहा है।
सेंट्रल एम्पावर्ड कमेटी ने सुप्रीम कोर्ट को कहा कि त्रिनेत्र गणेश मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ प्रबंधन के लिए एक ट्रस्ट बनाया जाना चाहिए। वहीं कचीदा माता मंदिर का अवैध विस्तार रोका जाए। अवैध खनन और निर्माण पर दर्ज हुए मामलों में गिरफ्तारियां होनी चाहिए।