Rising Rajasthan News: राजस्थान के विकास से देश को भी मिलेगी नई ऊंचाई —प्रधानमंत्री

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि आज हम ग्लोबल विजन और ग्लोबल इंपैक्ट पर काम करते हुए आत्मनिर्भर भारत के नए सफर पर चल चुके हैं। सरकार औद्योगिक प्रगति के लिए ‘होल ऑफ गवर्नमेंट एप्रोच’ पर समन्वित रूप से एक साथ काम करते हुए हर सेक्टर, हर फैक्टर को एक साथ बढ़ावा दे रही है। सबके प्रयास की इस भावना से ही हम सब मिलकर विकसित भारत और विकसित राजस्थान बनाएंगे। प्रधानमंत्री सोमवार को जयपुर स्थित जेईसीसी में राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट के भव्य उद्घाटन समारोह को सम्बोधित कर रहे थे।

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प्रधानमंत्री ने कहा कि क्षेत्रफल के हिसाब से तो राजस्थान देश का सबसे बड़ा राज्य है ही, राजस्थान के लोगों का दिल भी उतना ही बड़ा है। जब राजस्थान विकास की नई ऊंचाई पर पहुंचेगा तो देश को भी नई ऊंचाई मिलेगी। यहां के लोगों का परिश्रम, ईमानदारी, कठिन से कठिन लक्ष्य को पाने की इच्छाशक्ति, राष्ट्र को सर्वाेपरि रखने की भावना राजस्थान की मिट्टी के कण-कण में समाई है। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद जो सरकारें आई उन्होंने न तो देश के विकास को प्राथमिकता पर रखा और ना ही देश की विरासत का ध्यान रखा। लेकिन आज हमारी सरकार विकास भी, विरासत भी के मंत्र पर चल रही है और इसका बहुत बड़ा लाभ राजस्थान को भी हो रहा है।
श्री मोदी ने राजस्थान के आर फैक्टर पर फोकस करते हुए कहा कि आज राजस्थान राइजिंग तो है ही, रिलायबल व रिसेप्टिप भी है और समय के साथ खुद को रिफाइन करना भी जानता है। उन्होंने बीते एक साल में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में राज्य सरकार के शानदार काम की सराहना करते हुए कहा कि राजस्थान के इस आर फैक्टर में अब यहां की रिस्पॉन्सिव और रिफॉर्मिस्ट सरकार का नया पहलू भी जुड़ चुका है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जिस कुशलता और प्रतिबद्धता के साथ राजस्थान के तेज विकास में जुटे हैं, वो प्रशंसनीय है। आज राजस्थान में गरीब, किसान, युवाओं के कल्याण, सड़क, बिजली, पानी सहित हर प्रकार के विकास कार्य तेजी से हो रहे हैं। सरकार अपराध और भ्रष्टाचार नियंत्रण में जो तत्परता दिखा रही है, उससे नागरिकों और निवेशकों में नया उत्साह आया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि राजस्थान के पास रोड से लेकर रेलवेज तक, हैंडलूम से लेकर हैंडीक्राफ्ट तक, फार्म से लेकर फोर्ट तक बहुत कुछ है। प्राकृतिक संसाधनों के भंडार,समृद्ध विरासत, विस्तृत लैंडमास, आधुनिक कनेक्टिविटी नेटवर्क और समर्थ युवा शक्ति के कारण राजस्थान निवेश का आकर्षक गंतव्य है। उन्होंने राजस्थान के मरुस्थलीय क्षेत्र में जैतून और जेट्रोपा की खेती, जयपुर की ब्लू पॉटरी, प्रतापगढ़ की थेवा ज्वेलरी, भीलवाड़ा के टेक्सटाइल, मकराना के मार्बल, कोटा डोरिया और नागौर की पान मेथी का जिक्र करते हुए कहा कि आज यहां की सरकार, हर जिले के सामर्थ्य को पहचानते हुए काम कर रही है।
श्री मोदी ने कहा कि राजस्थान, दिल्ली एवं मुंबई जैसे दो बड़े आर्थिक केन्द्रों और महाराष्ट्र व गुजरात के पोर्ट्स को उत्तर भारत से जोड़ता है। दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर और वेस्टर्न डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर का बड़ा हिस्सा राजस्थान से गुजरता है। राजस्थान में जिंक, लेड, कॉपर, मार्बल, लाइमस्टोन, ग्रेनाइट, पोटाश जैसे खनिजों के बड़े भंडार हैं। इस दशक के अंत तक 500 गीगावॉट अक्षय ऊर्जा क्षमता के लक्ष्य को हासिल करने में राजस्थान बहुत बड़ी भूमिका निभा रहा है। इस तरह आत्मनिर्भर भारत की मजबूत नींव रखने में राजस्थान का अहम योगदान है।
उन्होंने कहा कि केन्द्र व राज्य सरकारें राजस्थान की वास्तविक क्षमताओं को सामने लाने के लिए कार्य कर रही हैं। पोर्ट्स और लॉजिस्टिक्स सेक्टर के लिए यहां अपार संभावनाओं को देखते हुए यहाँ मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक पार्क और लगभग दो दर्जन सेक्टर आधारित इंडस्ट्रियल पार्क बनाए जा रहे हैं। दो एयर कार्गाे कॉम्प्लेक्स का निर्माण भी हुआ है। इससे राजस्थान की इंडस्ट्रियल कनेक्टिविटी और बेहतर होगी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि एमएसएमई क्षेत्र में राजस्थान भारत के टॉप 5 राज्यों में से एक है। एमएसएमई की ये बढ़ती ताकत राजस्थान के विकास को एक नई ऊंचाई पर ले जाएगी। यहां 27 लाख से ज्यादा छोटे और लघु उद्योग हैं और 50 लाख से ज्यादा लोग इनमें काम करते हैं। एमएसएमई आने वाले समय में ग्लोबल सप्लाई और वैल्यू चेन को सशक्त करने में बड़ी भूमिका निभाएंगे। इसे देखते हुए केन्द्र सरकार ने एमएसएमई की परिभाषा बदली है, ताकि उन्हें आगे बढ़ने के और अधिक अवसर मिल सकें। केंद्र सरकार की पहल से इन उद्योगों के लिए ऋण लेना आसान हुआ है। क्रेडिट लिंक गांरटी स्कीम से छोटे उद्योगों को करीब 7 लाख करोड़ रुपए की मदद दी गई है। इन प्रयासों से बीते दशक में एमएसएमई के लिए क्रेडिट फ्लो दो गुना से अधिक बढ़ कर 22 लाख करोड़ रुपए से ऊपर जा चुका है।

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मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने इस अवसर पर कहा कि हमारी सरकार ने पहले वर्ष में ही समिट का आयोजन किया है ताकि प्राप्त निवेश प्रस्तावों को धरातल पर उतारने के लिए सभी आवश्यक कदम ठीक ढंग से और समय पर उठाए जा सकें। राज्य में पहली बार ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट का आयोजन हो रहा है जिसमें 32 देशों द्वारा भाग लिया जा रहा है। इस समिट के प्रारंभ होने से पूर्व ही 35 लाख करोड़ रुपये से अधिक के एमओयू संपादित किए जा चुके हैं जो निवेशकों द्वारा राज्य के प्रति व्यक्त किए गए विश्वास को दर्शाता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में विभिन्न क्षेत्रों में निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए हमने न केवल 10 नई महत्वपूर्ण नीतियां लागू की हैं बल्कि ईज ऑफ डूइंग बिज़नेस के क्षेत्र में भी ठोस कदम उठाए हैं, जिसके फलस्वरूप राज्य में निवेश को लेकर एक अभूतपूर्व माहौल बना है।

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