केन्द्र सरकार प्रदेश में सहकारिता विभाग के कार्यों से सन्तुष्ट नजर नहीं आ रही है। इस लिये भारत सरकार ने योजनाओं को गती देने के लिये सहकारिता मंत्रालय के सचिव डॉ. आशीष कुमार भूटानी ने शुक्रवार को शासन सचिवालय स्थित समिति कक्ष में समीक्षा की। इस दौरान श्री भूटानी ने कहा कि राजस्थान में गोदाम निर्माण की अपार संभावनाएं हैं। राज्य में अन्न भण्डारण क्षमता बढ़ाने पर विशेष रूप से फोकस करते हुए नये गोदामों का निर्माण किया जाए। उन्होंने कहा कि विकेन्द्रीकृत व्यवस्था करते हुए खरीद केंद्रों के निकट क्षेत्रों की बजाय अधिक उपभोग वाले क्षेत्रों में ज्यादा गोदाम निर्माण किए जाने की आवश्यकता है। इससे ट्रांसपोर्टेशन पर होने वाले व्यय में कमी आएगी। उन्होंने अधिकारियों को कहा कि छोटे-छोटे गोदामों के निर्माण की बजाय पैक्स को बड़े गोदामों का निर्माण करने के लिए तैयार किया जाए और फसल बीमा का कार्य पैक्स व कॉमन सर्विस सेंटर्स के माध्यम से करवाये जाने के गंभीरता से प्रयास किए जाएं। वहीं राज्य की सहकारी समितियों को राष्ट्रीय स्तर पर गठित की गई तीन नवीन सहकारी संस्थाओं का सदस्य बनने के लिए प्रेरित किया जाए। उन्होंने कहा कि इन समितियों का सदस्य बनने से समितियों को कई प्रकार के लाभ मिलेंगे।
समीक्षा के दौरान सहकारिता मंत्रालय के संयुक्त सचिव सिद्धार्थ जैन ने केन्द्रीय सहकारिता मंत्री के निर्देशों की पालना कराने के लिये विभाग को कहा कि कृषि विभाग द्वारा खाद वितरण के लिए पैक्स को प्राथमिकता दी जाए और इफको एवं कृभको जैसी संस्थाओं द्वारा भी इसके लिए पैक्स को ही आवंटन किया जाए। उन्होने केन्द्र सरकार के स्तर से इसकी नियमित मॉनिटरिंग करने की बात भी की। उन्होंने निर्देश दिए कि विगत वर्ष की तुलना में इस वर्ष 25 से 30 प्रतिशत अधिक खाद का वितरण पैक्स के माध्यम से किया जाना सुनिश्चित किया जाए। श्री जैन ने कहा कि खाद की पैक्स स्तर तक डिलीवरी की व्यवस्था की जाए और जिन पैक्स के पास फर्टिलाइजर लाइसेंस नहीं है, उन्हें दिलवाया जाना सुनिश्चित किया जाए।
श्री जैन ने कहा कि जन-धन केन्द्र लोगों की अधिक आवाजाही वाले स्थानों पर खोले जाएं। जिन पैक्स का कम्प्यूटराइजेशन किया जा रहा है, उन सभी में कॉमन सर्विस सेंटर बनाने के प्रयास भी किए जाएं। उन्होंने कहा कि पैक्स कम्प्यूटराइजेशन की समयबद्ध क्रियान्विति और दुग्ध उत्पादकों को अधिक रूपे कार्ड जारी करने के लिए नाबार्ड के स्तर से मॉनिटरिंग व्यवस्था सुदृढ़ किए जाने की आवश्यकता है। हलांकि समीक्षा के दौरान सहकारिता विभाग की प्रमुख शासन सचिव एवं रजिस्ट्रार, सहकारी समितियां श्रीमती मंजू राजपाल ने सफाई देते हुये प्रदेश में हुये कार्यों की रिर्पोट पेश की। समीक्षा में चर्चा के दौरान राजस्थान राज्य भण्डार व्यवस्था निगम के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक संदीप वर्मा, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग के प्रमुख शासन सचिव सुबीर कुमार, पशुपालन, मत्स्य एवं गोपालन विभाग के शासन सचिव डॉ. समित शर्मा, उद्यानिकी आयुक्त सुरेश कुमार ओला, राजफेड के प्रबंध निदेशक मोहम्मद जुनैद और नाबार्ड के चीफ जनरल मैनेजर डॉ. राजीव सिवाच सहित कई अधिकारी उपस्थित रहे।